रायपुर। CG NEWS:छत्तीसगढ़: पॉलिथीन के अभिशाप से धरती को मुक्त करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए, ग्रीन आर्मी संस्था ने अब कमर कस ली है! संस्था ने एक बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है: राजधानी के शीतला बाज़ार, पुरानी बस्ती को मात्र एक महीने के भीतर पॉलिथीन-मुक्त बनाना!
संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अमिताभ दुबे ने बताया कि यह सिर्फ एक संकल्प नहीं, बल्कि एक पूर्णकालिक मिशन है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ग्रीन आर्मी की पुरानी बस्ती, ब्राह्मण पारा और बुढ़ापारा की टीमें दिन-रात एक कर रही हैं, एक ऐसी सुनियोजित और व्यापक कार्ययोजना पर काम चल रहा है जो इसे हकीकत में बदलेगी। आगामी 5 जुलाई से 5 अगस्त तक, ग्रीन आर्मी ‘मिशन मोड’ पर कार्य करेगी, जिसके लिए एक विस्तृत 16-सूत्रीय कार्ययोजना तैयार की गई है:
शीतला बाज़ार को ‘पॉलिथीन-फ्री’ बनाने का रोडमैप: 16-सूत्रीय महाअभियान
1) घर-घर दस्तक, जागरूकता की अलख: प्रतिदिन पंपलेट वितरित कर स्थानीय निवासियों को पॉलिथीन के घातक प्रभावों से अवगत कराया जाएगा।
2)व्यापारियों से सीधा संवाद: फल और सब्जी विक्रेताओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए 500 पंपलेट बांटे जाएंगे, जो उन्हें पॉलिथीन मुक्त विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
3)शर्मिंदगी से मुक्ति, जागरूकता का मंत्र: “पॉलिथीन मांग कर शर्मिंदा न करें” जैसे सशक्त संदेश वाले 50 बोर्ड बाज़ार और प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएंगे।
4)झोला क्रांति का आगाज़: 25 नई कपड़े के झोलों की दुकानें खुलवाई जाएंगी और हर दुकानदार को शुरुआत में 25 झोले निःशुल्क दिए जाएंगे।
5)ज्ञान की पाठशाला, भविष्य की तैयारी: आसपास के 10 स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए पॉलिथीन मुक्ति पर नियमित प्रशिक्षण सेमिनार आयोजित होंगे।
6)युवाओं में चेतना, रचनात्मकता से बदलाव: स्कूली विद्यार्थियों के लिए ड्राइंग, स्लोगन और भाषण प्रतियोगिताएं (जैसे “पॉलिथीन जहर है, समाज पर कहर है”) आयोजित कर जन जागरण किया जाएगा।
7) कानून का डंडा, जागरूकता का पाठ: नगर निगम से नोटिस चिपकवाए जाएंगे, जिनमें स्पष्ट होगा कि पॉलिथीन का उपयोग एक कानूनी जुर्म है।
8)शनिवार शाम, जागरूकता के नाम: प्रत्येक शनिवार शाम 6:30 बजे भव्य जन जागरण अभियान रैली निकाली जाएगी, जिसमें झोला वितरण भी होगा।
9) प्रभावशाली चेहरों का साथ: स्थानीय प्रसिद्ध और प्रमुख लोगों की 2 मिनट की वीडियो बाइट बनाकर जन जागरण का कार्य किया जाएगा, ताकि उनके संदेश का व्यापक प्रभाव पड़े।
10) मीडिया की शक्ति, समाज को जोड़ना: प्रेस, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर पूरे समाज को इस महाअभियान से जोड़ा जाएगा।
11) घर-घर तक पहुंच, मितानिन और आंगनबाड़ी का सहयोग: मितानिन और आंगनबाड़ी टीमों की सहायता से 5000 घरों तक पहुंच बनाई जाएगी और पॉलिथीन के नुकसान बताए जाएंगे।
12) मंदिरों से पवित्र संकल्प: स्थानीय 11 मंदिरों और ट्रस्टों को पत्र देकर इस मुहिम से जोड़ा जाएगा, ताकि धार्मिक स्थलों में पॉलिथीन पर प्रतिबंध लग सके।
13) सामाजिक संगठनों की साझेदारी, व्यापक प्रभाव: विभिन्न स्थानीय समाजों को पत्र देकर उन्हें इस मुहिम में शामिल किया जाएगा, जिससे सामाजिक स्तर पर पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगे।
14)हर रसोई में बदलाव, हर घर में जागरूकता: 1000 स्टिकर “मेरा किचन पॉलिथीन मुक्त है” घर-घर लगवाए जाएंगे, जो गृहणियों को पॉलिथीन छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
15)बुजुर्गों की समझाइश, अनुभवी मार्गदर्शन: सीनियर सिटीजन की एक 11 सदस्यीय निरीक्षण टीम का गठन किया जाएगा, जो लोगों को प्यार से समझाएगी और प्रेरित करेगी।
16)नियमित कार्रवाई की मांग, स्थायी समाधान: जुलाई माह के बाद नगर निगम को पॉलिथीन जब्ती के लिए नियमित कानूनी कार्रवाई हेतु ज्ञापन दिया जाएगा।
इस भव्य और चुनौतीपूर्ण अभियान को साकार करने के लिए प्रत्येक कार्य के लिए एक समर्पित योजना प्रभारी नियुक्त किया गया है। इनमें गुरदीप टुटेजा, निधि अग्रवाल, नीलू अवधिया, चेतन पटेल, चांदनी देवांगन, अर्पित अग्रवाल, अचला स्वामी, शशिकांत यदु, दिलीप अवधिया, दुर्गा जैन और नीलम अग्रवाल जैसे कर्मठ सदस्य प्रमुख रूप से शामिल हैं।
यह पूरा एक महीना, ग्रीन आर्मी की टीमें घर-घर, स्कूल-कॉलेज, मंदिरों, सामाजिक बैठकों, बाजारों, रैलियों और सभाओं में जाकर, 5000 से अधिक पंपलेट और झोलों का वितरण कर, निरंतर जन जागरण का कार्य करेंगी। यह सभी जानकारी ग्रीन आर्मी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शशिकांत यदु द्वारा दी गई।