जशपुर। CG Video : सरकारी दावों के विपरीत, जशपुर जिले के सतालूटोली गांव से एक मार्मिक और साहसी कहानी सामने आई है, जो विकास के खोखले नारों पर गहरी चोट करती है। यहां एक मितानिन (आशा कार्यकर्ता) ने मानवता और हिम्मत की मिसाल पेश करते हुए एक गर्भवती महिला को पीठ पर लादकर टूटा हुआ पुल और उफनती नदी पार कराई और सड़क किनारे ही सुरक्षित प्रसव कराया।
ये भी पढ़ें : CG VIDEO: शिक्षा के मंदिर में फूहड़ता! स्कूल में युवाओं ने बनाया आपत्तिजनक रील, स्थानीय लोगों में आक्रोश
CG Video यह घटना मनोरा तहसील के सतालूटोली गांव की है। मंगलवार सुबह आठ बजे गांव की मितानिन बिफनी बाई और दाई रेलों बाई ने गर्भवती महिला मंजीता बाई को संस्थागत प्रसव के लिए गांव से बाहर ले जाने की कोशिश की। लेकिन रास्ते में टूटा हुआ पुल, कीचड़ और तेज बारिश ने उन्हें रोकने की हर कोशिश की। संचार का कोई साधन नहीं था, सड़कें गायब थीं, और नदी में बहाव जानलेवा।
पीठ पर लादकर पार की नदी, सड़क किनारे हुआ सुरक्षित प्रसव
CG Video हालात इतने विकट थे कि मितानिन ने मंजीता को पीठ पर लादा और जोखिम उठाते हुए नदी पार की। जैसे ही वे सड़क किनारे पहुंचे, मंजीता को तेज प्रसव पीड़ा हुई। गांव के युवक ललित यादव के घर के सामने, सड़क किनारे ही बिफनी बाई, दाई रेलों बाई और मंजीता की मां ने मिलकर प्रसव कराया। बच्चा और मां दोनों सुरक्षित हैं।
अस्पताल सिर्फ डेढ़ किलोमीटर, लेकिन पहुंचना जानलेवा
स्थानीय युवक ललित यादव बताते हैं कि अस्पताल महज डेढ़ किलोमीटर दूर है, लेकिन टूटा हुआ पुल और सड़क की दुर्दशा ने इस दूरी को मौत का रास्ता बना दिया है। गांव हर बरसात में मुख्यधारा से कट जाता है। न बच्चे स्कूल जा पाते हैं, न शिक्षक आ पाते हैं, और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना किसी युद्ध से कम नहीं।
धरती की देवियां बन गईं मितानिन और दाई
इस साहसिक कार्य के बाद बिफनी बाई और रेलों बाई को ग्रामीणों ने ‘धरती की देवियां’ कहा है। सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। लोग सर