बस्तर। CG NEWS: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में शनिवार को सिरहासार भवन जनकपुरी से श्रीमंदिर पहुंचे महाप्रभु जगन्नाथ इसी के साथ बाहुड़ा गोंचा का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इसी के साथ गोंचा पर्व में चलने वाली रथ यात्रा का समापन हो गया। आज रविवार को देवशयनी एकादशी विधान के साथ रियासत कालीन बस्तर गोंचा महापर्व का समापन हुआ।
आपको बता दें कि बाहुड़ा गोंचा पर्व के दौरान तीन विशालकाय रथों पर सवार कर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र की भव्य रथयात्रा निकाली गई. इस भव्य रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को बस्तर की पांरपरिक तुपकी से सलामी दी गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए पंहुचे. भारी संख्या में भक्तों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए.
इस पर्व के बारे में गोंचा समिति के अध्यक्ष चिंतामणि पांडेय ने बताया, “भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 9 दिनों तक जनकपुरी सिरहासार में विराजने के बाद शनिवार को विशालकाय रथों पर सवार होकर दर्शनार्थियों को दर्शन दिए. इसके बाद श्रीमंदिर पहुंचकर देवी लक्ष्मी से भगवान मेल-मिलाप करेंगे. इसी के साथ बाहुड़ा गोंचा रस्म का समापन होगा. इस रस्म के बाद 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी रस्म निभाया जाएगा”.
सांसद महेश कश्यप ने कहा कि बस्तर गोंचा एक ऐतिहासिक पर्व है, जो 618 वर्षो से अनवरत बस्तर में मनाया जा रहा है इस पर्व में आदिवासी संस्कृति की भी झलक है।