गयाजी। Viral News: बिहार के गयाजी में शनिवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। बेटे को थप्पड़ मारने से गुस्साए परिजनों ने स्कूल में घुसकर शिक्षक को लाठी-डंडों से पीट दिया। शिक्षक बुरी तरह घायल हो गए। स्कूल में अफरातफरी मच गई और बच्चे दहशत में इधर-उधर भागने लगे। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बिहार के गयाजी के खिजरसराय थाना क्षेत्र के सहवाजपुर मध्य विद्यालय में शनिवार को पढ़ाई के दौरान दो छात्र आपस में भिड़ गए। मामला बढ़ता देख एक छात्र ने क्लास टीचर राकेश रंजन श्रीवास्तव को सूचना दी। शिक्षक ने दोनों छात्रों को समझाने की कोशिश की और फिर अनुशासन के तहत दोनों को एक-एक थप्पड़ लगा दिया।
थप्पड़ खाकर एक छात्र स्कूल से भाग गया और अपने घरवालों को बुला लाया। परिजनों ने स्कूल में घुसते ही शिक्षक पर बिना कुछ पूछे लाठी-डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस दौरान एक अन्य शिक्षक धर्मेंद्र कुमार बचाव करने आए तो उन्हें भी चोटें आईं।
घटना के वक्त स्कूल में मौजूद महिला शिक्षिकाएं गुहार लगाती रहीं, लेकिन गुस्साए लोगों ने किसी की नहीं सुनी। मारपीट के बाद स्कूल में अफरातफरी मच गई। बच्चे डर के मारे स्कूल के कमरों और मैदान में भागने लगे।
शिक्षक गंभीर रूप से घायल
हमले में शिक्षक राकेश रंजन श्रीवास्तव के हाथ और कमर में गंभीर चोटें आई हैं। सूचना पर डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया। घायल शिक्षक को खिजरसराय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वीडियो वायरल, पुलिस जांच में जुटी
इस सनसनीखेज घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें परिजन लाठी-डंडे से शिक्षक को पीटते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने वीडियो के आधार पर हमलावरों की पहचान कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रधानाध्यापक का बयान
विद्यालय के प्रधानाध्यापक पंकज कुमार ने कहा — “यह सिर्फ एक शिक्षक पर नहीं, पूरी शिक्षा व्यवस्था पर हमला है। बच्चों की पढ़ाई और शिक्षकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
पुलिस ने दर्ज की सनहा
पुलिस ने शिक्षक की लिखित शिकायत पर फिलहाल सनहा दर्ज किया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। थानेदार रंजन कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू से जांच की जा रही है।
नोट:
इस घटना ने पूरे इलाके में चर्चा छेड़ दी है। सवाल ये कि क्या अब शिक्षक भी स्कूल में सुरक्षित नहीं? क्या अनुशासन के लिए उठाया गया एक थप्पड़ इतना महंगा पड़ सकता है?