पामगढ़ तहसील में न्याय नहीं, सिर्फ दबंगई का राज? 10 साल से सिस्टम की मार झेल रहा एक बेजुबान किसान।
जांजगीर-चांपा। CG NEWS: पामगढ़ तहसील के ग्राम मेऊ में न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही की ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे जानकर आपका भी खून खौल उठेगा। यहां एक गरीब किसान अमारूराम केवट की निजी ज़मीन पर कब्जा कर लिया गया और जब उसने अपनी जमीन बचाने की कोशिश की, तो उल्टा उसे ही जेल भेज दिया गया।
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गांव के दबंग पंचूराम साहू ने अमारूराम केवट की ज़मीन पर जबरन अपने सास-ससुर का मठ भवन बनवा दिया। जब अमारूराम ने इसका विरोध किया, तो उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भिजवा दिया गया।
पीड़ित किसान का कहना है कि ज़मीन उसकी खुद की है और रेवेन्यू रिकॉर्ड (पर्ची) उसके पास है, फिर भी उसे न्याय नहीं मिल रहा। संत्रा बाई, जो कि जमीन की सह-मालकिन हैं, उन्होंने भी इस अन्याय पर सवाल उठाया है।
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इस पूरे घटनाक्रम ने पामगढ़ तहसील कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। गरीब किसान के पास ज़मीन के कागजात होने के बावजूद उस पर कब्जा और जेल भेजे जाने की घटना ने प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।
10 सालों से न्याय की उम्मीद में भटक रहा किसान
पीड़ित अमारूराम केवट पिछले 10 सालों से न्याय के लिए लड़ रहा है, लेकिन आज तक उसे राहत नहीं मिली। स्थानीय लोगों और ग्रामीण प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो वे इस अन्याय के खिलाफ जनआंदोलन खड़ा करेंगे।
अब सवाल ये उठता है:
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जब कागज आपके नाम हैं, तो जमीन पर हक किसी और का कैसे?
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क्या गरीबों के लिए न्याय पाना आज भी सिर्फ एक सपना है?