गरियाबंद, छत्तीसगढ़।
सावन मास का पवित्र समय… और शिवभक्तों का सागर उमड़ पड़ा है भूतेश्वरनाथ धाम में।जहाँ एक ओर आस्था की वर्षा हो रही है, वहीं दूसरी ओर सेवा की मिसाल भी स्थापित हो रही है। श्री भूतेश्वरनाथ युवा भंडारा समिति द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के प्रत्येक रविवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है – यह आयोजन अब एक सामाजिक नहीं, बल्कि धार्मिक आंदोलन बन चुका है।
भगवान भूतेश्वरनाथ की महिमा – जहाँ स्वयं शिव प्रकट हुए
गरियाबंद जिले में स्थित भगवान भूतेश्वरनाथ महादेव को लेकर मान्यता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है – अर्थात् स्वयं प्रकट हुए हैं।यहां के स्थानीय श्रद्धालु और पुरोहितों का कहना है कि प्राकृतिक रूप से निर्मित यह शिवलिंग हर वर्ष ऊँचाई में वृद्धि करता है, और यही इसकी दिव्यता का प्रतीक है।श्रावण मास के हर रविवार को हजारों की संख्या में कांवड़िये, दूर-दराज़ के श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक यहाँ जलाभिषेक करने उमड़ पड़ते हैं।
रिमझिम बारिश, डीजे की धुन और शिवभक्ति में सराबोर श्रद्धालु
इस वर्ष भी पहले रविवार को जैसे ही रिमझिम बारिश ने धरती को छुआ, वैसा ही शिवभक्तों का जोश आसमान छूने लगा।100 किलोमीटर से भी अधिक की पैदल यात्रा कर श्रद्धालु भूतेश्वरनाथ पहुँचे — कोई भगवा वस्त्र में, कोई रुद्राक्ष धारण किए, तो कोई डमरू और गंगाजल से सजे कांवड़ के साथ।
हर ओर गूंज रहा था हर-हर महादेव”,
“बोल बम”, जय भूतेश्वरनाथ”।
“बोल बम”, जय भूतेश्वरनाथ”।
ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे स्वयं भोलेनाथ अपनी सवारी पर विराजमान होकर भक्तों के साथ चल रहे हों।
भंडारा सेवा – सिर्फ भोजन नहीं, श्रद्धा और सच्ची भक्ति का वितरण
भूतेश्वरनाथ युवा भंडारा समिति के अध्यक्ष दीप सिन्हा बताते हैं कि इस आयोजन की शुरुआत सिर्फ 10-12 मित्रों के एक छोटे से समूह से हुई थी।
लेकिन अब यह समूह एक बड़ा सेवा परिवार बन चुका है।हर रविवार को सुबह से ही समिति के सदस्य पुलाव, चना की सब्ज़ी और हलवा स्वयं बनाते हैं और श्रद्धालुओं को प्रेमपूर्वक परोसते हैं।
हर सप्ताह 8 से 10 हज़ार से अधिक श्रद्धालु इस प्रसाद का लाभ उठाते हैं।
सेवा में समर्पण: मेडिकल किट और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी
इस वर्ष समिति ने सेवा को और विस्तारित करते हुए फर्स्ट एड किट, दवाइयों और प्राथमिक उपचार की सुविधा भी रखी है।
अध्यक्ष दीप सिन्हा का कहना है, कांवड़िये सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर यहां आते हैं। हमारा धर्म है कि कोई भी भूखा ना जाए और यदि किसी को कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत उपचार मिल सके। यही सच्ची भक्ति है।”
भोलेनाथ की कृपा से होती हैं सारी मनोकामनाएँ पूर्ण
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जो भी भूतेश्वरनाथ महादेव के चरणों में सच्चे हृदय से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।यहाँ शिव सिर्फ पूजे नहीं जाते – अनुभव किए जाते हैं।भंडारा समिति द्वारा की जा रही यह सेवा ना सिर्फ भक्तों को भोजन देती है, बल्कि उन्हें अपनापन, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा भी प्रदान करती है।
सावन में शिव सेवा का संकल्प
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि भक्ति केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, वह रसोई में, दवा की किट में, और श्रद्धा से भरे हाथों में होती है।हर वर्ष बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या और समिति की सेवा क्षमता यह दर्शाती है कि भोलेनाथ की कृपा असीम है – जो उनके दर पर आता है, खाली हाथ नहीं जाता।
समिति के सदस्य अजय सिन्हा, दीप सिन्हा पंकज सिन्हा, रिकी गुप्ता, प्रकाश सोनी, अनुराग केला, विक्की सिन्हा, भानु राजपूत, प्रेमचंद देवांगन, तरुण यादव, भावेश सिन्हा, युगल शर्मा, रोहन सिन्हा, प्राँजल ठाकुर, गौरव पटेल, लव पांडे कुश पांडे, अमित बखारिया, विकास साहू, सुलभ यादव, जितेंद्र यादव, सुनील यादव, क्षितिज गुप्ता, आदित्य यादव, आशु राजपूत, आशु कंसारी सहित अन्य युवाओ ने सहयोग प्रदान किया।”