पामगढ़ में भारतीय मजदूर संघ का छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता मितानिन संघ की प्रांतीय अधिवेशन:- विभिन्न विषयों पर चर्चा,मांगों को लेकर ,25 जिलों के मितानित हुए शामिल
जांजगीर चांपा । CG NEWS: पामगढ़ विकासखंड में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता मितानिन संघ की प्रांतीय अधिवेशन आयोजन किया गया है। जिसमें 25 जिलों से लगभग 600 से अधिक मितानिन इस अधिवेशन में शामिल होने पहुंचे है। जिसमें मितानिनियों के समस्याएं और पदाधिकारियों का चुनाव होगे।
सुभा सिंह देव प्रदेश अध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि यह अधिवेशन 3 साल में एक बार होता है। जोकि इस बार जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ विकासखंड में आयोजित हो रही है। जिसमें छत्तीसगढ़ के कोने कोने से मितानिन बहने शामिल होने पहुंची है। इस अधिवेशन का उद्देश्य है कि नए पदाधिकारियों का चयन करना है। जोकि 3 साल का कार्यकाल रहता है चयन के बाद वे अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सके। अन्य जो भी कार्यक्रमों में शामिल होंगी और अपनी जो मांग है सरकार तक पहुंचेगी,वहीं योजनाओं को जनता तक पहुंचने का काम करेगी।
भारत सरकार के “स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के आधीन पूरे देश में संचालित योजना (एनएचएम) में लगभग 10 लाख 22 हजार 265 से अधिक आशा वर्कर्स कार्यरत हैं। हम आशा कर्मियों के द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों को उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की जानकारी देने, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, आवश्यक सेवाओं के प्रयोग के लिए परामर्श एवं व्यवस्था देने, जटिल प्रकरण को संदर्भित करने तथा इन्हें स्वास्थ्य सेवा केन्द्र तक पहुंचाने में मदद करने, लोगों को साफ-सफाई एवं स्वच्छता का महत्व बताने, स्वच्छ पेयजल एवं शोचालय आदि बनाने में मदद करने जैसे कार्य सामान्य रूप से हमारे द्वारा किये जाते हैं। इन कार्यों को करने के एवज में सरकार के द्वारा आशा कर्मियों को कोई मानधन या वेतन नहीं दिया जाता है बल्कि उक्त कार्य हेतु संचालित योजनाओं के क्रियान्यवयन के अनुसार अल्प प्रोत्साहन राशि (इन्सेन्टिव) का भुगतान किया जाता है।
गत 11 सितम्बर 2018 को माननीय प्रधानमंत्री जी ने विडिओ कान्फ्रेन्स के जरिये आशा वर्करों से वार्तालाप करते हुए, आशा वर्कर्स के इन्सेन्टिव राशि को दो गुना करने का एलान किया। किन्तु तदाशय के सम्बंध में जब सम्बन्धित मंत्रालय से पत्र निर्गत हुआ तो उसमें केवल रूटीन एवं रेकरिंग प्रकृति के अन्तर्गत संचालित पाँच प्रकार के गतिविधि/कार्यों हेतु मिलने वाला इन्सेन्टिव जो रू. 1000/- था वह बढ़ाकर रू.2000/- कर दिया गया। शेष गतिविधि/कार्यों हेतु वर्तमान में निर्धारित इन्सेन्टिव की राशि/दर को ही यथावत रखा गया है। इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इसके कारण हम आशा वर्कर्स में हताशा व्याप्त है, हम अपने को ठगा महसूस कर रही है।
आँकड़ों पर यदि निगाह डालें तो हम पाते हैं कि जब से आशा वर्कर्स ने देश में कार्य करना प्रारम्भ किया है, जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। उपरोक्त कार्यों के साथ-साथ अन्य प्रकार के कार्य जो राज्य सरकारें हम आशा कर्मियों से संचालित करवाती हैं ये कार्य महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित है। यह वही कार्य है जो राज्यों में कार्यरत सरकार कर्मचारी भी करते हैं। इसलिये आशा कार्यकर्ता, आशा मितानीन, सहयोगिनी, आशा फेसिलिटेटर, बी.टी.टी., को-आर्डिनेटर को क्रमशः प्रोत्साहन राशि (इन्सेन्टिव) एवं मानधन के स्थान पर वेतन भुगतान किया जाय तथा अन्य माँगें जिनका उल्लेख किया जा रहा है यह भी आशा कर्मियों का शीघ्र प्रदान किया जावे :– आशा वर्कर्स को न्यूनत्तम रू. 18000/- आशा सहयोगिनी, फेसिलिटेटर को रू.24000/-एवं बीसी (को-आर्डिनेटर), एसपीएस को रू.30000/- प्रतिमाह वेतन राशि भुगतान सुनिश्चित किया जाय। आशा कार्यकर्ता एवं मितानीन, आशा को-आर्डिनेटर, बीसी, एसपीएस
2- आशा वर्कर्स, आशा सहयोगिनी फेसिलिटेटर, बी.टी.टी., को-आर्डिनेटर को ईपीएफ एवं ईएसआई के दायरे में लाया जाय, साथ ही पेंशन का भुगतान किया जाय।
3- आशा वर्कर्स, आशा सहयोगिनी फेसिलिटेटर, बी.टी.टी., को-आर्डिनेटर को कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर अथवा मृत्यु होने पर रू. 05 लाख की राशि का भुगतान बतौर मुआवजा के रूप में किया जाय।
4- आशा वर्कर्स, आशा सहयोगिनी फेसिलिटेटर, बी.टी.टी., को-आर्डिनेटर को रिटायर बेनिफिट के रूप में एक मुस्त रू.10 लाख राशि का भुगतान किया जाय।
5- अनुभवी आशा वर्कर्स को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था किया जावे।
6- उम्र का बंधन हटाते हुये योग्यताधारी आशा वर्कर्स को एएनएम तथा आशा सहयोगिनी फेसिलिटेटर के पद पर पदोन्नति प्रदान किया जाय।
7- आशा वर्कर्स को वर्ष में दो बार गणवेश (यूनिफार्म) उपलब्ध कराया जावे अथवा ड्रेसकोड का भुगतान सुनिश्चित किया जावे।
8- आशा वर्कर्स हेतु चिकित्सालयों में विश्रामस्थल की व्यवस्था किया जाय।
9- अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिये आशा वर्कर्स के द्वारा जारी किये गये सफर/यात्रा हेतु यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाय।
10-असंगठित कामगारों हेतु लागू “प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन” लाभार्थी प्रवेश आयु 18 से 40 वर्ष ही रखी गई है। इस समयावधि को 40 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किया जाय ताकि इसका लाभ आशा वर्कर्स को प्राप्त हो सके।