रायपुर। CG NEWS : डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ में प्राचार्य डॉ.प्रीति मिश्रा के मार्गदर्शन में कार्यालयीन प्रबंधन पर दस दिवसीय एफडीपी (फेकलटी डिवेलपमेंट प्रोग्राम) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष बृजेशनाथ पांडे, महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रीति मिश्रा एवं विषय विशेषज्ञ अल्पना घोष अपर संचालक वित्त तथा वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार जोशी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा राजकीय गीत तथा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। मंचस्थ अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं पौधा भेंट कर स्वागत तथा सम्मान किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ प्रीति मिश्रा ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इस शैक्षणिक सत्र का प्रथम कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य कार्यालयीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रबंधन का गुर सीखाना है।
मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष बृजेशनाथ पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनभागीदारी समिति महाविद्यालय के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। अंग्रेजी विषय की विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति मिश्रा ने विषय विशेषज्ञ का परिचय प्रस्तुत किया। विषय विशेषज्ञ अल्पना घोष ने शासकीय बजट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी इकाई में आय व्यय को ध्यान में रखते हुए बजट का निर्धारण किया जाता है। प्रतिदिन होने वाले खर्च को राजस्व व्यय कहा जाता है,इसी प्रकार से भवन निर्माण या आवश्यक सामग्री खरीदी को पूंजीगत व्यय कहा जाता है। राजस्व व्यय एक वित्तीय वर्ष के लिए होता है, जबकि पूंजीगत व्यय लंबे समय के लिए हो सकता है। बजट निर्माण करते समय ध्यान रखें कि उक्त योजना केंद्र सरकार का है या राज्य सरकार का है। किसी भी तरह की सरकारी खरीदी के लिए जेम में लागिंग कर जानकारी प्राप्त करें कि वस्तुओं की कीमत क्या है। निर्धारित प्रारूप में बजट तैयार करना चाहिए। विगत दो वर्षों के बजट को ध्यान में रखते हुए पांच प्रतिशत की वृद्धि दर से आगामी वित्तीय वर्ष का बजट बनाना चाहिए। वेतन संबंधी बजट अत्याधिक नहीं होना चाहिए। वेतन वितरण में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कर्मचारी नियमित है कि दैनिक वेतनभोगी है।
आगे बताया कि बजट निर्माण करते समय वित्त निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर अनुपुरक बजट की मांग कर सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में तीन बार अनुपुरक बजट प्रस्तुत किया जाता है। दो लाख से अधिक की खरीदी नवीन मद से किया जाता है।आकस्मिक निधि से अग्रीम राशि वित्त विभाग से अनुमति लेकर कार्य कर सकते हैं। एक मद से दुसरे मद में राशि का हस्तांतरण पुनर्विनियोजन कहलाता है। इसके लिए विभाग की स्वीकृति आवश्यक है। जितना खर्च कर सकते हैं,उतना ही राशि की मांग की जानी चाहिए। कोशिश करें प्राप्त राशि को समय पर खर्च कर सकें। दस प्रतिशत से अधिक राशि का लैंप्स होना,अच्छा वित्तीय प्रबंधन नहीं माना जाता। प्राप्त बजट को प्रति तीन महीने में खर्च कर सकते हैं। जिसके लिए अनुपात का निर्धारण किया गया है। विषय विशेषज्ञ ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके जिज्ञासाओं को शांत किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.श्रद्धा मिश्रा सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र ने किया तथा मुख्य लिपिक आशीष यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।उक्त एफडीपी प्रोग्राम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष,वरिष्ठ प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक,क्रीड़ाधिकारी, ग्रंथपाल, कार्यालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में अन्य संस्थाओं के प्रतिभागी उपस्थित रहे। दिनांक 17.7.2025 गुरुवार को भंडार क्रय नियम पर बी के लाल, सेवानिवृत्त संचालक वित्त का उदबोधन होगा।