मुंगेर । Political News: केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अपने लोकसभा क्षेत्र मुंगेर के सूर्यगढ़ा में 16 जुलाई 2025 को जदयू कार्यकर्ताओं के लिए एक मटन भोज का आयोजन किया। सावन के पवित्र महीने में आयोजित इस मटन पार्टी ने बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह आयोजन लखीसराय के सूर्यगढ़ा में हुआ, जो ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इस भोज में शाकाहारी भोजन का भी इंतजाम था, लेकिन मटन पार्टी ने ज्यादा सुर्खियां बटोरीं।
सावन में मटन पार्टी: क्यों उठा विवाद?
सावन का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए पवित्र माना जाता है, और इस दौरान कई लोग मांसाहार से परहेज करते हैं। ऐसे में ललन सिंह की मटन पार्टी को लेकर विपक्षी दलों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। राजद ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर तंज कसते हुए लिखा, “भगवान भोलेनाथ के पवित्र सावन मास में भी ललन सिंह मटन पार्टी देने से बाज नहीं आए! हिंदू धर्म के ये ठेकेदार दूसरों को तो खूब नसीहत देते हैं, पर जब अपनी बारी आती है तो धर्म, रीत, परंपरा, नैतिकता… सब भूल जाते हैं!”
भाजपा नेताओं ने भी इस आयोजन पर सवाल उठाए। एक एक्स पोस्ट में यूजर @manvendra_sinha ने लिखा, “जदयू आपके सरकार का सहयोगी है और सरकार में शामिल है। सावन महीना में मोदी सरकार के मंत्री ललन सिंह ‘मटन’ पार्टी कर रहे हैं! तुम लोग लानत-मलामत इन लोगों को करोगे या फिर सिर्फ लालू, तेजस्वी और मुकेश सहनी को ही?”
भोज में क्या हुआ?
ललन सिंह ने मंच से ऐलान किया था कि मटन और शाकाहारी भोजन दोनों उपलब्ध हैं। आयोजन में भारी भीड़ उमड़ी, जिसके कारण खाने की व्यवस्था में कुछ अव्यवस्था देखी गई। कुछ लोगों ने शिकायत की कि समय पर मटन और चावल नहीं मिला, लेकिन जैसे ही मटन परोसा गया, कार्यकर्ता उस पर टूट पड़े। टेबल-कुर्सी की व्यवस्था थी, लेकिन भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई।
पहले भी विवादों में रही ललन सिंह की मटन पार्टी
यह पहली बार नहीं है जब ललन सिंह की मटन पार्टी चर्चा में आई हो। 2023 में भी मुंगेर में आयोजित उनके मटन भोज ने सियासी बवाल मचाया था। उस समय भाजपा नेता विजय सिन्हा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि भोज के बाद मुंगेर से “हजारों कुत्ते गायब” हो गए और मांस की जांच होनी चाहिए। उस आयोजन में भगदड़ और मारपीट की खबरें भी आई थीं, जिसमें पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था और डीएसपी राजेश कुमार सिन्हा घायल हो गए थे।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और डबल स्टैंडर्ड का आरोप
विपक्षी दलों ने इस आयोजन को धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताकर ललन सिंह और जदयू पर निशाना साधा। एक्स पर @strrrange_dr5 ने लिखा, “NDA एलायंस के जेडीयू के नेता लल्लन सिंह मटन पार्टी दे रहे हैं सावन में, अगर यही काम राजद वाले करते तो पूरे आईटी सेल, भाजपा और गोदी पत्रकारों का धर्म खतरे में जाता। इसे दोगलापन न कहें तो क्या कहें?”
कई यूजर्स ने इस बात पर जोर दिया कि अगर विपक्षी नेता जैसे लालू यादव या तेजस्वी यादव ने ऐसा आयोजन किया होता, तो भाजपा और उनके समर्थक इसे हिंदू विरोधी करार देते। 2023 में लालू यादव और राहुल गांधी का मटन बनाते हुए वीडियो और तेजस्वी यादव का मछली खाते हुए वीडियो वायरल होने पर भी भाजपा ने इसी तरह की आलोचना की थी।
ललन सिंह का रक्षा पक्ष
ललन सिंह ने हमेशा अपनी मटन पार्टियों को कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ने का माध्यम बताया है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह आयोजन सामाजिक और राजनीतिक एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए था, और शाकाहारी भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। जदयू प्रवक्ताओं ने पहले भी ऐसी आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि यह केवल राजनीतिक विरोधियों की सस्ती सियासत है।
सियासी रंग में मटन पार्टी
ललन सिंह की मटन पार्टी सिर्फ एक भोज नहीं, बल्कि बिहार की सियासत में एक बड़ा मुद्दा बन गई है। सावन जैसे पवित्र महीने में इस आयोजन ने धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को लेकर बहस छेड़ दी है। जहां जदयू इसे कार्यकर्ताओं के सम्मान में आयोजित सामान्य भोज बता रही है, वहीं विपक्ष इसे धार्मिक दोगलेपन और वोटबैंक की राजनीति से जोड़ रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।