प्रतापपुर। CG NEWS: प्रतापपुर में सामाजिक संस्था छोटे पांव मजबूत कदम स्कूली बच्चों को लगातार छातों का वितरण कर रही है। इसी क्रम में नवाडीह पड़िपा के पांच स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों में कुल एक सौ बीस स्कली बच्चों को छातों का वितरण किया गया। इस दौरान बच्चों को कापी, शीश व रबर भी बांटे गए। संस्था ने छातों का वितरण गोयल टीएमटी के अधिकृत विक्रेता अंकूर बंसल प्रतापपुर के सहयोग से किया गया। कापी, शीश व रबर का वितरण घड़ी वाशिंग पाउडर कंपनी की ओर से किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित बीईओ मुन्नू सिंह धुर्वे ने कहा कि छोटे पांव मजबूत कदम क्षेत्र की पहली ऐसी संस्था है जो लगातार चार वर्षों से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों की विभिन्न माध्यमों से मदद करती आ रही है। उन्होंने कहा कि अभी चल रहे बारिश के मौसम को देखते हुए संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली बच्चों को छातों का वितरण किया जा रहा है ताकि बच्चों को स्कूल आने में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि संस्था के इस कार्य को सफल बनाने में शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा ने बच्चों से कहा कि शासन से तो आपको स्कूल ड्रेस व निश्शुल्क शिक्षा मिल ही रही है साथ ही अब छोटे पांव मजबूत कदम संस्था भी आपको बारिश से बचने छातों का वितरण व पढ़ाई लिखाई को आसान बनाने पठन सामग्री का भी वितरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा दिए जा रहे इन लाभों को भरपूर उपयोग कर आगे बढ़ें। रोज स्कूल आएं और मन लगाकर पढ़ाई करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। छोटे पांव मजबूत कदम के संचालक राकेश मित्तल ने कहा कि हमारी संस्था छातों का वितरण इसलिए करती है ताकि बारिश में स्कूल आते हुए बच्चों के कदम न रुकें। इनका वितरण जनसहयोग से करते हैं। लोग भी इस उम्मीद से सहयोग करते हैं छाते व पठन सामग्री सही हाथों में जाएं और बच्चे उनका सही उपयोग करें। कार्यक्रम में एबीईओ सायमन तिर्की, पत्रकार दीपक चंद मित्तल, अंकुर बंसल, अमित सिंघल, तनवीर अहमद, जन शिक्षक मनीष तिवारी, शिक्षक ननकू राम, सीताराम यादव, जसीन्ता केरकेट्टा, चिलेश्वर राठिया, सातेन राम, शूरसाय बेक, सुघरी पैकरा, माना राम, संत लाल गुप्ता, बंधन राम व प्रमोद कुमार टोप्पो उपस्थित रहे।.
बच्चों के चेहरों पर दिखी खुशी
छोटे पांव मजबूत कदम संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चे छाते व पठन सामग्री पाकर काफी खुश दिखाई दिए। बच्चों ने संस्था को धन्यवाद देते हुए कहा कि पहले उनके पास छाता नहीं था इसलिए बारिश होने पर स्कूल आते जाते भीग जाते थे। भीगने से स्कूल ड्रेस खराब हो जाती थी पर अब उन्हें छाते मिल चुके हैं। अब बारिश आने पर भी वे निश्चिंत होकर घर से स्कूल और स्कूल से घर जा सकेंगे।