रायगढ़। CG NEWS: बरसात के मौसम में सर्पदंश के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए जिले में राष्ट्रीय सर्पदंश विषाक्ता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कलेक्टर मंयक चतुर्वेदी के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार जगत के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के आरोग्यम सभा कक्ष में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सर्पदंश की त्वरित पहचान, समुचित इलाज और जनजागरूकता को बढ़ावा देना रहा। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर डॉ. विकास शर्मा ने सर्प की पहचान, दंश के प्रकार और प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समय पर उचित इलाज न मिलने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है। झाड़-फूंक जैसे पारंपरिक उपचारों में समय गंवाने की बजाय पीड़ित को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना आवश्यक है।
जिले में लैलूंगा, धरमजयगढ़, घरघोड़ा और तमनार सर्पदंश के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एन्टी स्नेक वेनम एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही मितानिनों एवं स्वास्थ्य अमले के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भानु पटेल, नोडल अधिकारी डॉ. केनन डेनियल, डॉ. सुमित कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री रंजना पैंकरा और एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. कल्याणी पटेल सहित जिले के समस्त विकासखंडों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स एवं आरएमए शामिल रहे। प्रशिक्षण के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों को सर्पदंश प्रबंधन में दक्ष बनाने का प्रयास किया गया ताकि समय पर उचित उपचार देकर जानें बचाई जा सकें।