राजिम/गरियाबंद, 20 जुलाई।
स्वरोजगार योजना के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले एक शातिर ठग को राजिम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने महिलाओं को घर बैठे रोजगार दिलाने का सपना दिखाकर लगभग 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। अब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
धोखाधड़ी का तरीका:
पीड़िता ममता साहू, निवासी परसदाजोशी, थाना राजिम, ने 19 जुलाई को थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2024 में सत्येन्द्र सोनकर नामक व्यक्ति ने उन्हें कॉल कर बताया कि वह ‘स्वाभिमान फाउंडेशन’ नामक संस्था से जुड़ा है और महिला स्वरोजगार के लिए योजना चला रहा है। योजना के तहत अगरबत्ती पैकिंग, पेन-पेंसिल पैकिंग, सेनेटरी पैड जैसे कार्य घर बैठे कर पैसे कमाने का झांसा दिया गया।
सत्येन्द्र सोनकर स्वयं गांव आकर महिलाओं को समझाया कि चार-पांच महिलाओं का समूह बनाना होगा, और हर समूह को 20,000 रुपए देकर पंजीकरण कराना पड़ेगा, जिसके बाद मशीन व कच्चा माल घर पहुंचाया जाएगा।
प्रार्थिया ने पहले 20,000 रुपए नगद दिए और फिर आसपास के गांवों की कई महिलाओं को जोड़कर लगभग 15 लाख रुपए इकट्ठे कर आरोपी को सौंप दिए। लंबे समय तक कोई काम, मशीन या सामान न मिलने पर जब महिलाएं संपर्क करने लगीं तो आरोपी टाल-मटोल करने लगा और फिर मोबाइल बंद कर फरार हो गया।
पुलिस की कार्रवाई:
राजिम पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की। तकनीकी साक्ष्य व मुखबिर की सूचना पर आरोपी सत्येन्द्र सोनकर (42 वर्ष) निवासी रामकुंड, रायपुर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
थाना प्रभारी राजिम ने बताया कि आरोपी ने सुनियोजित तरीके से महिला समूहों को निशाना बनाया और ‘स्वरोजगार’ का नाम लेकर लाखों की ठगी की। आगे की पूछताछ में अन्य पीड़ितों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
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🔍 पुलिस अपील:
यदि किसी अन्य महिला या समूह ने भी इस प्रकार के किसी योजना में निवेश किया हो, या सत्येन्द्र सोनकर से संपर्क किया हो, तो वे राजिम थाना में तत्काल सूचना दें।
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📌 विशेष तथ्य:
• आरोपी स्वयं गांव-गांव जाकर झांसा देता था
• महिलाओं से समूह बनवाकर 20-20 हजार रूपए वसूले
• किसी को न मशीन दी, न रोजगार मिला
• 15 लाख से अधिक की ठगी की पुष्टि