दुर्ग। CRIME NEWS: नंदिनी थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल से शुरू हुआ विवाद अब पुलिस कार्यालय की चौखट तक जा पहुंचा है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि राजनीतिक रसूख के चलते उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। सवाल यह उठता है—क्या राजनीति आम जनता के इंसाफ के रास्ते में रुकावट बन रही है?
मामला 14 जुलाई का है, जब दुर्ग के एक निजी अस्पताल में पूर्व विधायक लाभचंद बाफना के बेटे नीतू बाफना एक मरीज को देखने पहुंचे। मरीज की हालत में सुधार न होते देख उन्होंने मरीज को किसी और अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कही। इस बात पर अस्पताल के डॉक्टर ने आपत्ति जताई, और दोनों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते धक्का-मुक्की तक पहुंच गई।
देखते ही देखते अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया, और मामला पुलिस थाने तक पहुँच गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन पीड़ित पक्ष का आरोप है कि नीतू बाफना के राजनीतिक प्रभाव के चलते पुलिस ने उल्टा उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। लेकिन यह सवाल अब भी बरकरार है—क्या राजनीतिक दबाव आम आदमी के इंसाफ को दबा रहा है? क्या कानून सबके लिए बराबर है, या फिर रसूख वालों के लिए खास?