बिलासपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ सरकार ने बिलासपुर में स्थित पंडित सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय में धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस का व्यवहारिक पक्ष को लेकर कोर्स चलाया जा रहा है. इसमें दावा किया गया है कि रामचरित मानस के व्यवहारिक पक्ष के अध्ययन से दुनिया के हर सवाल का जबाव मिलेगा।
रामचरित मानस के धार्मिक पक्ष को तो दुनिया जानती है लेकिन ग्रन्थ में भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र और पर्यावरण शास्त्र के बारे में भी विस्तृत ज्ञान है, जिसका अध्ययन करने की जरूरत है। इसको ध्यान में रखकर बिलासपुर के सुंदरलाल (मुक्त) विश्वविद्यालय मे एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स चल रहा है. जिसकी प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय ने बारहवीं के बाद किये जाने वाले इस कोर्स का स्टडी मटेरियल अयोध्या की रामायण समिति की मदद से तैयार किया है। कोर्स में चौपाइयों की मदद से भौतिक और पर्यावरण के सिद्धांतों की व्याख्या की गई है.प्रोफेसरों के मुताबिक रामचरितमानस की चौपाइयों में जिक्र किए गए रावण के पुष्पक विमान या रामसेतु का पत्थर या राम रावण युद्ध में चलने वाले तीर हो या फिर आकाशवाणी हो, इन तमाम बातों को यूनिवर्सिटी के इस डिप्लोमा कोर्स में अलग-अलग विषयों की किताबों के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि सनातन धर्म रामचरितमानस विज्ञान पर आधारित हैं। इस कोर्स को करने के लिए 12वीं पास होना चाहिएविश्विद्यालय में कोर्स का संचालन हिदी विषय में किया जा रहा है।
रामचरित मानस का पाठ करना, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि जीवन के मूल्यों और नैतिकता को समझने में भी मदद करता है।