सावन उत्सव का भव्य आयोजन,गरियाबंद में यारिया फ़ॉरएवर महिला समूह ने रविवार को एक निजी आवास में सावन महोत्सव का भव्य आयोजन किया। इस उत्सव का नेतृत्व समूह की अध्यक्ष भारती सिन्हा ने किया, जिनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम में सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संदेशों का समावेश हुआ। इस बार उत्सव की थीम महिला सशक्तीकरण और ग्रीन अर्थ रखी गई थी, जिसने सभी को आकर्षित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान शिव के भजनों और कीर्तन से हुई, जिसने माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद महिलाओं ने पारंपरिक हरे परिधानों में सज-धजकर झूला झूलने की रस्म निभाई, जो सावन की हरियाली और उमंग का प्रतीक है। महिलाओं ने हरियाली तीज के महत्व पर चर्चा की और इसे केवल एक मौसम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बताया।
महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
इस उत्सव में महिलाओं ने न केवल सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया, बल्कि महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्प भी लिया। कार्यक्रम में शामिल सभी महिलाओं ने हरे रंग के वस्त्र पहनकर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दर्शाया। गीत-संगीत, नृत्य, रैंप वॉक और मनोरंजक खेल स्पर्धाओं ने उत्सव को और भी रंगीन बना दिया। महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया।
आकर्षण का केंद्र रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम में सावन के पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। नृत्य प्रस्तुतियों में महिलाओं ने अपनी ऊर्जा और उत्साह से माहौल को जीवंत बना दिया। रैंप वॉक में सभी ने ह हरे रंग की पोशाक में अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, मनोरंजक खेल स्पर्धाओं में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी सिन्हा ने बखूबी किया, जिनकी ऊर्जावान प्रस्तुति ने सभी का ध्यान खींचा। अतिथियों ने अपने संबोधन में सावन के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए इसे एकता और खुशियों का प्रतीक बताया।
इस अवसर पर भारती सिन्हा, मोनिका सिन्हा, रचना सिन्हा, लक्ष्मी सिन्हा, मोनिका सेंडे, समीक्षा सोनी, निशा गुप्ता, पूजा गुप्ता, लाइरा सोनी, ममता सोनी सहित यारिया फ़ॉरएवर समूह की अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं।
सभी ने मिलकर इस आयोजन को यादगार बनाया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसने सभी के मन में भक्ति और एकता का भाव जागृत किया।
यह सावन उत्सव न केवल सांस्कृतिक उत्साह का प्रतीक बना, बल्कि महिलाओं के सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यारिया फ़ॉरएवर समूह ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित किया।