गरियाबंद , 22 जुलाई 2025: गरियाबंद तिरंगा चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। यह हंगामा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में था, जिसे कांग्रेस ने “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। दोपहर 12 से 2 बजे तक चले इस चक्का जाम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिरंगा चौक सहित प्रदेश के कई प्रमुख मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर नारेबाजी की और ED के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकार पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया।
क्या है पूरा मामला?
18 जुलाई 2025 को ED ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भिलाई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया। ED का दावा है कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 16.70 करोड़ रुपये को अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश कर मनी लॉन्ड्रिंग की। चैतन्य को रायपुर की विशेष PMLA अदालत में पेश किया गया, जहाँ उन्हें 22 जुलाई तक 5 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया। आज, 22 जुलाई को ED ने चैतन्य को दोबारा कोर्ट में पेश किया और उनकी रिमांड अवधि बढ़ाने की माँग की।
इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी और चक्का जाम का ऐलान किया था, जिसके तहत आज गरियाबंद के तिरंगा चौक पर सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता जुटे। प्रदर्शनकारियों ने ED और BJP के खिलाफ नारे लगाए, जैसे “अडानी भगाओ, छत्तीसगढ़ बचाओ” और “ED की तानाशाही नहीं चलेगी”। कांग्रेस का कहना है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद भूपेश बघेल जैसे प्रमुख विपक्षी नेताओं को चुप कराना है।
तिरंगा चौक पर चक्का जाम: क्या हुआ?
गरियाबंद के तिरंगा चौक पर दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण लेकिन जोरदार रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर जाम लगाया, जिससे कुछ समय के लिए ट्रैफिक प्रभावित हुआ। हालांकि, पार्टी ने स्पष्ट किया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों को जाम से छूट दी गई। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने तिरंगे झंडे लहराए