CG Crime : रायगढ़ के प्रतिष्ठित श्री श्याम मंदिर से धार्मिक आभूषण और नकदी की हुई सनसनीखेज चोरी की गुत्थी को रायगढ़ पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में सीमावर्ती ओड़िशा राज्य और पडोसी जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ के छह आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ करीब 27 लाख रुपये मूल्य की चोरी गई संपत्ति की बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला सर के सतत मार्गदर्शन और रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के कुशल नेतृत्व में चले इस 9 दिन के ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि धार्मिक आस्था पर चोट करने वाले अपराधियों को छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी। बीते 13-14 जुलाई की रात अज्ञात आरोपी ने मंदिर के मुख्य द्वार और गर्भगृह का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया और श्याम बाबा का सोने का मुकुट, कुण्डल, चार नग छत्तर, गलपटिया समेत करीब 25 लाख रुपये के धार्मिक आभूषण और दानपेटी से दो लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गया था।
घटना की रिपोर्ट श्री श्याम मंदिर मंडल अध्यक्ष बजरंग लाल अग्रवाल द्वारा थाना कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। घटना की सूचना मिलते ही एसपी दिव्यांग पटेल स्वयं मौके पर पहुंचे, उनके साथ सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी, शहर के अन्य थाना स्टाफ, साइबर सेल, फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड भी सक्रिय हो गया। तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी द्वारा पांच थाना प्रभारियों की विशेष टीम गठित की गई, जिन्हें सीसीटीवी फुटेज की निगरानी, पुराने अपराधियों से पूछताछ, डिजिटल साक्ष्य का विश्लेषण और राज्य व बाहरी जिलों में ऐसी चोरी के मामलों की तफ्तीश में लगाया गया। पुलिस ने श्याम मंदिर और आसपास के चौराहों, बाजार, रेलवे स्टेशन सहित शहर के तमाम हिस्सों के 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सवा लाख मोबाइल नंबर की जाँच शुरू की।
घटना से पूर्व संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर एक संदिग्ध युवक की पहचान कर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की। जिला पुलिस तथा श्याम मंडल ने आरोपी की सूचना देने ईनामी उद्घोषणा जारी किया गया। पुलिस को यहीं से एक लीड सूचना मिली जिससे संदेही की पहचान सारथी यादव, निवासी ठेंगागुड़ी थाना सरिया के रूप में हुआ। जब पुलिस टीम संदेही के घर तक पहुंची तो वह फरार मिला, लेकिन उसके परिजनों से पूछताछ पर यह पुष्टि हो गई कि वह घटना में शामिल है और वह मोबाइल का उपयोग नहीं करता। पुलिस टीमों ने संभावित ठिकानों पर दबिश तेज कर दी और आखिरकार ओडिशा बार्डर के पास एक गांव में सारथी यादव को धर दबोचा गया।
पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह 13 जुलाई को सरिया से बस में रायगढ़ पहुंचा और सुबह से ही श्याम मंदिर की रेकी में लग गया। शाम को सब्जी मार्केट से प्लास्टिक पन्नी और लोहे का रॉड उठाया, फिर रात में बारिश के दौरान जब इलाका सुनसान हो गया, तो मेन गेट का ताला तोड़कर मंदिर के भीतर दाखिल हुआ और गर्भगृह से सोने का मुकुट, गलपटिया, कुण्डल और छत्तर चुराकर दान पेटी से नकदी रकम समेटी। चोरी का सारा माल बोरी में भरकर पैदल रेल पटरी के रास्ते कोतरलिया – महापल्ली होते हुए दयाडेरा पहुंचा और वहां से अपनी पत्नी नवादाई को फोन कर गांव के मानस भोय को मोटरसायकल लेकर बुलाया। गांव लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी नवादाई, मानस भोय और उसके भाई उपेन्द्र भोय और गांव आये बरगढ़ ओड़िशा के परिचित विजय उर्फ बिज्जु प्रधान, दिव्य प्रधान को पूरी घटना की जानकारी दी और माल को छिपाने तथा बेचने की योजना साझा की।