रायपुर। CG PMMVY Scheme : ‘सशक्त मां – स्वस्थ भारत’ के सपने को साकार करने में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अहम भूमिका निभा रही हैं। इसके माध्यम से मातृत्व और बाल कल्याण योजनाएं संचालित हैं, जिससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को बड़ा सहारा मिला है।
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योजना के तहत् पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को दो किस्तों में सहायता राशि दी जाती है। पहली किस्त में 3000 रूपए दिए जाते हैं और दूसरी किस्त में 2000 रूपए की राशि प्रसव के बाद टीकाकरण की पुष्टि होने पर दी जाती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अब तक 20 हजार से अधिक महिलाओं को 10 करोड़ 17 लाख 85 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीनों वर्षों में कुल 20357 हितग्राहियों को सीधे डीबीटी के जरिए सहायता राशि दी गई है। इनमें बैकलॉग सहित 3282 महिलाओं को भी लाभ दिया गया है।
महासमुंद की इमली भाठा में रहने वाले गायत्री देवांगन ऐसी ही एक महिला हैं। उनके पति एक वेल्डर हैं। धर में सीमित आय होने पर जब उन्हें इस योजना के तहत 5000 रूपए की राशि मिली, तो उन्होंने इस राशि का उपयोग अपने अच्छे स्वास्थ्य और पोषण पर किया। इसका फायदा उन्हें नन्हे बच्चे के पोषण में मिला। इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार की कौशल्या मातृत्व सहायता योजना के अंतर्गत दूसरी बार गर्भवती होने पर 6000 रूपए की अतिरिक्त सहायता प्राप्त हुई। गायत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़कर अन्य महिलाओं को भी योजनाओं से लाभ लेने के लिए जागरूक किया।
Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana- कितनी मिलती आर्थिक मदद
- 5,000 रुपये योजना के तहत आर्थिक लाभ पहले बच्चे के लिए मिलता है। पहली किस्त में 3,000 रुपये गर्भावस्था के पहले छह माह में।
- 2,000 रुपये पंजीकरण व कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच के बाद दूसरी किस्त के रूप में मिलते हैं।
- 6,000 रुपये दूसरे बच्चे के लिए (यदि लड़की हो) एक किस्त में 6,000 रुपये मिल जाते हैं।
- बच्चे का जन्म पंजीकरण व 14 सप्ताह के टीकाकरण के बाद।
Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana- पंजीयन के लिए यह करें
वेबसाइट pmmvy.gov.in पर लागिन करके अपनी जानकारी व दस्तावेज का ब्योरा अपलोड करके आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें अपना नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र भी बताना होगा।इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता उसका सत्यापन करेंगी। इसके साथ ही किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र या विकास भवन में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय से सीधे संपर्क करके भी आवेदन की जानकारी ली जा सकती है।