गरियाबंद। CG : उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व और सुनाबेड़ा अभ्यारण्य क्षेत्र में भेड़-बकरी की अवैध चराई करने वालों के खिलाफ वन विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, धमतरी और कवर्धा से लाकर अवैध रूप से 5000 से 10,000 भेड़-बकरियों को चराने की योजना बना रहे 5 डेरों को एन्टी-पोचिंग टीम द्वारा न्यूट्रलाइज किया गया है।
ये भी पढ़ें : CG Accident Breaking : मंत्री केदार कश्यप के भतीजे की सड़क हादसे में मौत, डिवाइडर से टकराई बुलेट
यह कार्रवाई वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट के बीट नगरार (कक्ष क्रमांक 783) और बीट आमामोरा (कक्ष क्रमांक 828) में की गई, जहाँ बिना अनुमति के हजारों भेड़-बकरी और घोड़े अवैध चराई कर रहे थे। उपनिदेशक बरुण जैन के नेतृत्व में मौके पर पहुँची टीम ने दो अलग-अलग स्थानों से कुल 13 आरोपियों को पकड़ा, जिनमें से अधिकांश राजस्थान के नागौर जिले से हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
लादूराम व. हरजीराम (61), रामनिवास व. खाजूराम (53), रूपा व. हुकमाराम, गोपी व. कृष्णा, प्रेम व. गिरधारी, नेहरु व. पुनो, शंकर व. पुनीत और मानसिंह व. बिहारी। इनके पास से बड़ी संख्या में भेड़-बकरी, घोड़े, दो मोटरसाइकिल और अन्य सामान जब्त किया गया है। आरोपियों पर भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
सभी आरोपियों को 21 जुलाई को माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, गरियाबंद की अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें रिमांड पर जेल भेजा गया है। शेष फरार आरोपियों की तलाश जारी है। साथ ही चार लाख रुपये की सुपुर्दगी राशि वसूलने की कार्रवाई भी की जा रही है।
वन क्षेत्र को हो रहा नुकसान
वन विभाग के अनुसार, बाहरी राज्यों से लाए गए इन पशुओं से न केवल स्थानीय घास और चारागाह को नुकसान हो रहा है, बल्कि वे “लेंटाना, पार्थेनियम (गाजर घास), यूपटोरियम” जैसी खतरनाक खरपतवारों के वाहक भी बन रहे हैं, जिससे स्थानीय वन्यजीवों और ग्रामीणों के मवेशियों को चारा संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इस अभियान में आमामोरा और ओढ़ गांव के ग्रामीणों ने भी सहयोग दिया। विभाग का कहना है कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में निवास करने वाले 100 से अधिक तेंदुओं, हिरण, सांभर, नीलगाय और अन्य शाकाहारी वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए चरागाह की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है, ताकि मानव-वन्यजीव द्वंद की स्थिति उत्पन्न न हो।
कार्रवाई में शामिल प्रमुख अधिकारी
बरुण जैन (उपनिदेशक), गोपाल कश्यप (सहायक संचालक मैनपुर), जगदीश प्रसाद दर्रो (सहायक संचालक तौरेंगा), अमर सिंह ठाकुर (परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ीघाट), चंद्रवली ध्रुव, धर्मेन्द्र सोनबानी, मनोज ध्रुव, राकेश मारकण्डेय, टकेश्वर देवांगन सहित पेट्रोलिंग स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों की सक्रिय भूमिका रही।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- स्पोर्ट्स की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- वायरल वीडियो देखने यहां क्लिक करें