नई दिल्ली/रायपुर CG News: छत्तीसगढ़ से लोकसभा सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लेकर एक अहम मुद्दा उठाया। उन्होंने सार्वजनिक खरीद नीति के अंतर्गत एमएसएमई को मिलने वाले अवसरों, नीतियों के क्रियान्वयन की स्थिति और पारदर्शी प्रक्रिया की दिशा में गंभीर सवाल उठाए।
सांसद अग्रवाल ने संसद में केंद्र सरकार से पूछा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSEs) द्वारा एमएसएमई से कितनी खरीद की गई है। इसके साथ ही उन्होंने देशभर में पंजीकृत एमएसएमई की संख्या, तथा छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इन उद्यमों की स्थिति की जानकारी मांगी।
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या केंद्र सरकार ने इस नीति को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू करने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यदि हां, तो उनका ब्यौरा क्या है। साथ ही उन्होंने यह मांग की कि एमएसएमई उद्यमियों को नीति की जानकारी देने हेतु व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि अधिक से अधिक उद्यमी इसका लाभ ले सकें।
सरकार की ओर से जवाब देते हुए एमएसएमई राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि, सार्वजनिक खरीद नीति 23 मार्च 2012 से लागू है, जिसे 2018 में संशोधित किया गया था।
इसके तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अपनी कुल वार्षिक खरीद में कम से कम 25% एमएसई से करना अनिवार्य है।
इसमें से 4% खरीद अनुसूचित जाति/जनजाति स्वामित्व वाले उद्यमों से और 3% महिला उद्यमियों से की जानी चाहिए।
358 वस्तुएं विशेष रूप से एमएसई से खरीदने हेतु आरक्षित की गई हैं।
एमएसई को बोली दस्तावेज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं तथा उन्हें बयाना राशि से भी छूट दी जाती है।
मंत्री ने यह भी बताया कि 15 जुलाई 2025 तक देशभर में 6.58 करोड़ से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं और छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों का विवरण अनुबंध-II में प्रस्तुत है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नीति केवल केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और सीपीएसयू पर लागू है, राज्यों पर नहीं। हालांकि, 26 राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी नीतियों को केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप बनाया है।
एमएसएमई में जागरूकता लाने हेतु सरकार द्वारा किए गए प्रयास
जेम (GeM) पोर्टल के माध्यम से एमएसएमई को सरकारी खरीद प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति हब (NSSH) योजना के अंतर्गत क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
विक्रेता विकास कार्यक्रम तथा खरीद एवं विपणन सहायता योजना के तहत समय-समय पर सीपीएसई द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार की नीतियां सराहनीय हैं, किंतु इनका जमीनी क्रियान्वयन और उद्यमियों तक सही जानकारी पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि स्थानीय उद्यमियों को सशक्त कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिल सके।