रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग और बालोद जिले को 685 करोड़ के विकास और निर्माण कार्याें की सौगात देते हुए कहा है कि साल भर के दौरान कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में हमारे सामने बहुत से कठिन चुनौतियां खड़ी की, लेकिन वे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के हमारे संकल्प को डिगा नहीं सकी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से नियंत्रण में है। कोरोना संकट काल के दौरान विकास कार्याें की रफ्तार धीमी जरूर हो गई थी, परंतु थमी नहीं थी। अब हालात सामान्य होने लगे हैं, विकास के कार्य तेजी से होंगे और हम पूरी क्षमता से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगे।
बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में दुर्ग और बालोद जिले को 685 करोड़ रूपए की लागत वाले 244 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। जिसमें दुर्ग जिले में 285.87 करोड़ की लागत वाले 57 कार्यों और बालोद जिले में 399.32 करोड़ रूपए की लागत वाले 187 विकास एवं निर्माण कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों को जिन कार्याें की सौगात दी उसमें मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर बालोद के नगर पालिका की जल आवर्धन योजना के पाईप लाईन विस्तार के लिए एक करोड़ रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने इस मौके पर गुंडरदेही के विधायक एवं ससंदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद द्वारा जनसुविधा से संबंधित मांगें रखी और मुख्यमंत्री से इसकी मंजूरी का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के माध्यम से अब राज्य में गरीब परिवारों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। इन स्कूलों से पढ़ने वाले बच्चों में आत्मविश्वास जगेगा, जिससे उन्हें देश-दुनिया में भी रोजगार के अवसर प्राप्त होेंगे। आत्मानंद स्कूल बालोद के बच्चों ने जिला एवं ब्लॉक स्तर में शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने और उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया। बच्चों द्वारा फर्राटे से अंग्रेजी में बातचीत किए जाने की मुख्यमंत्री ने सराहना की और बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग और बालोद जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों तथा गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, डेयरी सहित विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का संचालन करने वाले, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा की और योजना के तहत मिलने वाले फायदे की जानकारी ली। उन्होंने बालोद जिले में सरकाभाट में संचालित शक्कर कारखाना के संबंध में कहा कि इस शक्कर कारखाने के आसपास के किसान यदि धान के बदले गन्ने का उत्पादन करें तो उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता मिलेगी। इससे शक्कर कारखाने का संचालन भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। बालोद जिले के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विभिन्न उत्पादों का विक्रय बालोद बाजार ब्रांड नेम से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बालोद बाजार ब्रोशर का विमोचन किया और स्व-सहायता समूूह की महिलाओं की गतिविधियों की सराहना की। बालोद बाजार के माध्यम से स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक 12 लाख रूपए का कारोबार किया गया है। जिसमें उन्हें 5 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है।
कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास से गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने सम्बोधित किया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच और पहल का ही यह परिणाम है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली है। गांवों में रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री अरूण वोरा, श्री देवेन्द्र यादव, संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद एवं विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने कहा कि कोरोना आपदा काल में भी दुर्ग और बालोद जिले को विकास कार्याें के लिए बहुत बड़ी सौगात मिली है। इस अवसर पर दोनों जिलों के अनेक पंचायत एवं नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।