रायपुर। आज राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने संकेत दिए हैं कि किसानों को मिलने वाली प्रति क्विंटल धान की रकम में बढोत्तरी हो सकती है। इस वर्ष से धान का समर्थन मूल्य 2540 रुपए प्रति एकड़ मिलेगा। धान उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 9 हजार प्रति एकड़ मिलेगा।
रविन्द्र चौबे ने कहा कि केन्द्र द्वारा 20-21 की खरीफ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। जितना पैसा किसानों को मिलेगा उससे ज्यादा तो पीएम मोदी डीजल के दामों से वसूल कर रहे हैं। भाजपा के संकल्प पत्र में 2014 और 2019 दोनों में कहा गया था कि पार्टी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेगी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है वह इतनी कम है कि किसान पिछले साल की तुलना में घाटे में ही रहेगा। मंत्री चौबे ने कहा कि किसानों से ठगी का यह सिलसिला नया नहीं है। छत्तीसगढ़ के किसान जानते हैं कि रमन सिंह ने किस तरह से 2100 रुपए समर्थन मूल्य देने के वादा किया और उसे भुला दिया।
रविन्द्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों से वादा किया था कि धान का मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रुपए दिया जाएगा। जब भूपेश बघेल की सरकार ने वादे के अनुसार किसानों का कर्जा माफ किया और किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल देना शुरु किया तो भाजपा की केंद्र सरकार को आपत्ति हो गई। केंद्र सरकार ने कह दिया कि अगर समर्थन मूल्य से अधिक का भुगतान हुआ तो केंद्र राज्य से केंद्रीय पूल में चावल नहीं लेगी।