लोगों को कोरोना से बचाने वाली कौवैक्सीन बनाने के लिए नवजात बछड़े के ब्लड सीरम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए कम से कम 20 दिन के बछड़े की हत्या की जाती है। ये दावा कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने बुधवार को किया है। पांधी ने एक RTI के जवाब में मिले दस्तावेज शेयर किए। उन्होंने दावा किया है कि यह जवाब विकास पाटनी नाम के व्यक्ति की RTI पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने दिया है।
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क्या केंद्र सरकार ने छिपाई है सच्चाई ?
इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि बछड़े के सीरम का उपयोग विरो सेल्स के रिवाइवल प्रोसेस के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल कोवैक्सिन बनाने के लिए किया जा रहा है। पांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मान लिया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम शामिल है। यह बहुत बुरा है। इस जानकारी को पहले ही लोगों को बताया जाना चाहिए था।
इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि बछड़े के सीरम का उपयोग विरो सेल्स के रिवाइवल प्रोसेस के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल कोवैक्सिन बनाने के लिए किया जा रहा है। पांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मान लिया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम शामिल है। यह बहुत बुरा है। इस जानकारी को पहले ही लोगों को बताया जाना चाहिए था।
In an RTI response, the Modi Govt has admitted that COVAXIN consists Newborn Calf Serum …..which is a portion of clotted blood obtained from less than 20 days young cow-calves, after slaughtering them.
THIS IS HEINOUS! This information should have been made public before. pic.twitter.com/sngVr0cE29
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 15, 2021
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रिसर्च पेपर में भी किया गया था दावा
इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्च पेपर में भी ये बात बताई गई थी कि कोवैक्सिन बनाने के लिए नवजात पशु के ब्लड का सीरम उपयोग किया जाता है। इसे पहली बार किसी वैक्सीन में उपयोग नहीं किया जा रहा है। यह सभी बायोलॉजिकल रिसर्च का जरूरी हिस्सा होता है। रिसर्च में दावा किया गया था कि कोवैक्सिन के लिए नवजात बछड़े के 5% से 10% सीरम के साथ डलबेको के मॉडिफाइड ईगल मीडियम (DMEM) को इस्तेमाल किया जाता है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई- नहीं होता बछड़े के सीरम का उपयोग
कांग्रेस नेता के आरोप के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर कोवैक्सिन के बारे में गलत जानकारी शेयर की जा रही है। पोस्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग सिर्फ वेरो सेल्स को तैयार करने में किया जाता है, जो बाद में अपने आप ही नष्ट हो जाते हैं। जब अंतिम समय में वैक्सीन का प्रोडक्शन होता है, तब इसका उपयोग नहीं किया जाता है।