‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों पर रोक लगा दी है।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मुनमुन दत्ता का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने जाति विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो आने के बाद उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई थी।
कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पांचों राज्यों में अभिनेत्री के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर रोक लगा दी है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने पूछा कि ‘आपने जो कहा वह पूरे समुदाय को बदनाम करने के लिए हो सकता है। आप कह रही हैं कि आप एक महिला हैं लेकिन हमें बताइए कि क्या महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में बेहतर अधिकार हैं या उन्हें भी समान अधिकार हैं?’
माना गलती हुई
मुनमुन दत्ता के वकील पुनीत बाली ने स्वीकार किया कि अभिनेत्री ने गलती की है और वीडियो पोस्ट करने के दो घंटे के अंदर ही उसे डिलीट कर दिया। बाली ने अनुरोध किया कि सभी केसों को मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल पिछले महीने मुनमुन दत्ता ने एक वीडियो में जाति विशेष के बारे में टिप्पणी की थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका वो वीडियो वायरल हो गया और कई यूजर्स ने अभिनेत्री के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
अभिनेत्री ने मांगी माफी
मामला तूल पकड़ने के साथ ही मुनमुन दत्ता ने सोशल मीडिया पर माफी मांग ली थी। उन्होंने एक नोट में लिखा था, ‘यह एक वीडियो के संदर्भ में है जिसे मैंने कल पोस्ट किया था। जहां मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है। यह अपमान, धमकी या किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने के इरादे से कभी नहीं कहा गया था। भाषा की सीमित जानकारी के कारण मुझे उस शब्द के अर्थ के बारे में गलत जानकारी थी।’