प्रदेश सरकार गांव गांव विकास पहुंचाने के लाख दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है… लखनपुर जनपद पंचायत से महज दस किलोमीटर की दूरी पर बसा कुंवरपुर का आश्रित मोहला झाड़ीपुर अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए बांट जोह रहा है। इस मोहल्ले के ग्रामीण सड़क और पानी जैसी मूलभूत समस्या जूझ रहे हैं.. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है…
ये तस्वीरें आधुनिक युग की हैं, कहते हैं गांव के विकास से देश का विकास सम्भव है.. लेकिन विकास के नाम पर सत्ता में आने वाले जनप्रतिनिधियों ने आज तक गांव की सुध नहीं ली। इस गांव का नाम है झाड़ीपुर और नाम के मुताबिक ही इसे जंगल की झाड़ी की ही तरह समझा गया है। गांव से जिला मुख्यालय तक जाने के लिए दो रास्ते हैं। लेकिन दोनों ही रास्ते खुद की हालत पर शर्मिंदा हैं। हालत इतनी खराब है कि साइकिल बमुश्किल चल पाए चार पहिए की बात ही छोड़िए। राशन लेने के लिए इसी दुर्गम रास्ते पर ग्रामीण 5 किमी का सफर तय करते हैं। महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के समय विकास का वादा किया जाता है लेकिन जीत मिलते ही सारे वादे हवा हो जाते हैं।
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कुंवरपुर का आश्रित मोहल्ला झाड़ीपुर में अधिकारी और जनप्रतिनिधि की उदासीनता के चलते मिट्टी की सड़क आवागमन करने को मजबूर हैं। जिस पर बारिश के दिनों में चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। गांव की हालत और ग्रामीणों की समस्या को लेकर जब सत्ता शासन में मौजूद क्षेत्रीय विधायक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने ग्रामीणों की समस्या को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया है
जनप्रतिनिधियों और सिस्टम की अनदेखी से झाड़ीपुर के ग्रामीणों का जीवन आधुनिक युग की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं से दूर हो गया है… बहरहाल विधायक जी ने ग्रामीणों की समस्या जल्द दूर करने की बात कही है । लेकिन गांव की आदिवासियों की यह समस्या कब तक दूर होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।