केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में व्यापक फेरबदल होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को भी इसमें शामिल कर सकती है। यदि केंद्र में शिवसेना को वैसा तवज्जो मिल जाता है, जैसा सोच में है, तो बड़ी बात नहीं है कि महाराष्ट्र में सत्ता पलट जाएगी।
नई दिल्ली। एक अंग्रेजी अखबार में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आईबी को कथित तौर पर संभावित मंत्री के नामों की एक सूची जांच के लिए दी गई है। इसका कारण यह हो सकता है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को महाराष्ट्र में अस्थिर गठबंधन सरकार को गिराने के लिए राजी करने की उम्मीद कर रही है। ऐसे में शिवसेना को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
पैच-अप फॉर्मूला यह हो सकता है
एक तर्क यह भी है कि शिवसेना नेता और ‘सामना’ के संपादक संजय राउत पिछले कुछ समय से पीएम मोदी पर काफी नरम दिख रहे हैं। इसलिए पैच-अप फॉर्मूला यह हो सकता है कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने रहने दिया जाये और देवेंद्र फडणवीस को नई दिल्ली बुलाया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास नागपुर का आशीर्वाद भी हो सकता है, भले ही वह भाजपा आलाकमान के पसंदीदा ही क्यों न हों।
यहां भाजपा मुआवजे के रूप में दो डिप्टी सीएम और एक प्रमुख मंत्रालय दे सकता है। दरअसल, शिवसेना अपने सदस्यों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसियों से परेशान है और कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले के मुख्यमंत्री बनने और चुनाव अकेले लड़ने के बयान से काफी आक्रोशित है।
अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस बार कई नए नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 53 मंत्री हैं। संविधान के मुताबिक अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में 28 और लोगों को जगह मिल सकती है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी से सीएम उद्धव ठाकरे की राजधानी दिल्ली में मुलाकात हुई थी, इस दौरान में चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ था।