मध्य प्रदेश राज्य साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा किया है। इसमें पाकिस्तान और चीन के नागरिक की साजिश सामने आ रही है। रकम को क्रिप्टो करेंसी के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था, जबकि फर्जी वेबसाइट बनाकर रुपए ठगने वाला व्यक्ति चीनी है। ये भारतीय ठगों के जरिए यह धंधा कर रहे थे, जिनमें CS, CA के साथ कुछ कारोबारी भी लिप्त पाए गए हैं। आरोपी मसालों की ट्रेडिंग के कारोबार के नाम पर युवा कारोबारियों को फंसा कर रुपए ठगते थे। ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदलते और पाकिस्तान भेज दिए जाते थे। इस मामले में अब तक दिल्ली, गुड़गांव, राजकोट से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं।
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साइबर पुलिस थाना के टीआई अभिषेक सोनेगर ने बताया भोपाल के युवा व्यवसायी ने 16 मई को लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया कि ठगों ने एक वेब पेज की आईडी बनाकर उनसे मसालों में ट्रेडिंग के नाम पर मार्च 2021 से मई 2021 के बीच अलग-अलग तारीख को एक करोड़ रुपए जमा कराए। यह 5 बैंक खाते क्रमश: गुड़गांव, दिल्ली तथा राजकोट की फर्म के चालू बैंक खाते थे। साइबर पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
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शुरुआती जांच में इसमें सामने आया कि आरोपी भारतीय नागरिकों के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर ऑनलाइन ठगी करता था। इस गिरोह ने अप्रैल-मई माह के बीच करीब 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन किया है। ये राशि क्रिप्टो करेंसी के जरिए पाकिस्तान भेजी जा रही थी।
यह सामग्री जब्त
पुलिस ने आरोपियों के पास से 60 डिजिटल सिग्नेचर शेल फर्म के निर्देशकों के, 3 लेपटॉप, 4 पेनड्राइव, 1 मोबाइल फोन, किरप्टो ट्रेडिंग स्टेटमेंट समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं।
ऐसे फंसाया जाल में
भोपाल के कारोबारी से एक संदिग्ध महिला डोरिस ने डेटिंग एप्लीकेशन BUMBLE से पहचान की। उसने सुझाया कि मसालों के धंधे में खूब कमाई है। फर्जी मालीशस वेब पेज विथ लाइव डेशबोर्ड का सुझाव दिया। लाइव पेज पर काल्पनिक ट्रांजैक्शन बताकर झांसे में लिया। इसके बाद ICICI, KOTAK, MAHINDRA बैंक खातों में 5 फर्म के एक करोड़ रुपए जमा करा लिए। शेल फर्म बनाकर उनके चालू खाते खुलवाकर चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी संक्रेटरी संदिग्ध चीनी सिटीजन को भेज देते थे। वहां से यह राशि भारतीय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज वजीर एक्स और कैमेन आइलैंड स्थित क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज को जरिया बनाया था। रुपए को USDT यानी टीथर के जरिए ट्रेड किया जाता था। इंदौर और भोपाल से दो और शिकायतें इस तरह की मिली हैं।