‘‘ जिला स्तरीय नक्सली उन्मुलन समन्वय बैठक का हुआ आयोजन ’’
पुलिस अधीक्षक गरियाबंद द्वारा कलेक्टर गरियाबंद की उपस्थिति में सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ किया गया, समन्वय बैठक।
नक्सली गतिविधियों पर पूर्ण अंकुश लगाने के संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीआरपीएफ मिलकर रणनीति पर किये चर्चा।
गरियाबंद जिले के अंतर्गत माओवादी गतिविधियों पर सतत् निगाह रखे जाने के लिए निर्णय।
कलेक्टर गरियाबंद एवं पुलिस अधीक्षक गरियाबंद द्वारा नक्सलियों के आत्मसमपर्ण नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु दिये गये निर्देश।
नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक ने कमान संभालते ही बुलाई समन्वय मीटिंग।
नक्सली उन्मुलन हेतु जिले में तैनात विभिन्न एजेंसियों का समन्वय एवं समीक्षा बैठक का आयोजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर द्वारा कलेक्टर गरियाबंद श्री नीलेश क्षीरसागर की उपस्थिति में आहुत की गई। जिसमें संजीव रंजन कमाण्डेंट 211 बटालियन, विजय कुमार सिंह कमाण्डेंट 65 बटालियन अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ उपस्थित रहे।
कलेक्टर गरियाबंद नीलेश क्षीरसागर द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल अभियान चलाये जाने के साथ-साथ क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की बात कही तथा जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न प्रकार से सहयोग देने के संबंध में बताया गया। कलेक्टर गरियाबंद ने कहा कि नक्सलियों के आत्मसमर्ण पश्चात पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने जिला प्रशासन कृत संकल्पित है। पूर्व में आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति का पुरा लाभ दिया जा रहा है।
बैठक के दौरान सीआरपीएफ 65वीं बटालियन के कमाण्डेंट विजय कुमार ने कहा कि गरियाबंद जिले में पुलिस और सीआरपीएफ का बहुत अच्छा समन्वय है। जिला बल और सीआरपीएफ के द्वारा विभिन्न सूचनाओं पर एण्टी नक्सल आपरेशन क्रियान्वयन किया जाता है। सीआरपीएफ 211 वी बटालियन के कमाण्डेंट संजीव रंजन ने बेहतर समन्वय के साथ मिलकर कार्य करने पर जोर दिया।
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर ने अपने उद्बोधन में बताया कि गरियाबंद पुलिस जनता के विकास एवं हितो की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, मुख्यालय से दूरस्थ अंचल के ग्रामीणजनों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सुरक्षा बल तैनात है। जिससे भय मुक्त वातावरण का निर्माण हो सके। जिला प्रशासन के सहयोग से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की योजना को पहुंचाकर ग्रामीणों को लाभ दिलायेंगे। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से ग्रामीणों से बेहतर तालमेल के साथ क्षेत्र की सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाने में आगे बढ़कर कार्य करेंगे एवं आत्मसमपर्ण करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा में जोड़ते हुए उनको छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदत्त पुनर्वास की सुविधाओं का लाभ दिलाये जाने के संबंध में प्रचार-प्रसार करने सभी थाना प्रभारियों को हिदायत दिया गया। सूचना तंत्र को मजबूत कर प्रभावी नक्सल आपरेशन चलाये जाने पर जोर दिया। थाना एवं सीआरपीएफ के विभिन्न कैम्पों की मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हेतु निर्देशित किया।
उक्त जिला स्तरीय नक्सली उन्मुलन समन्वय बैठक में हंसराज टू.आई.सी. 211 बटालियन, प्रभाकर उपाध्याय टू.आई.सी. 65 बटालियन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वय सुखनंदन राठौर, संतोष महतो, अस्सिटेंट कमाण्डेंट बाबुल हाॅजरा, टी. हाॅकिप, भुदेव धमनिया, गणेश चैहान, बिजेन्द्र सिंह, संजय कुमार, निरीक्षक मनोज कुमार एवं पुलिस बल से एस.डी.ओ.पी. गरियाबंद संजय धु्रव, रक्षित निरीक्षक उमेश राय, थाना प्रभारी गरियाबंद वेदवति दरियो, थाना प्रभारी छुरा संतोष भुआर्य, थाना प्रभारी मैनपुर सत्येन्द्र श्याम, थाना प्रभारी शोभा संतोष जायसवाल, थाना प्रभारी अमलीपदर नवीन राजपूत, थाना प्रभारी जुगाड़ सउनि टीकाराम धु्रव, थाना प्रभारी इंदागांव सउनि रामाधार मरकाम एवं आई.बी., एस.आई.बी, एस.बी., डी.एस.बी., नक्सल सेल के अधिकारी एवं प्रभारी उपस्थित रहे।