देश में कोरोना की दूसरी लहर से जैसे-जैसे छुटकारा मिल गया है, लेकिन कोरोना के नए-नए वैरियंट मुसीबत का कारण बने हुए हैं। वैक्सीनेशन अभियान पूरे देश में जारी है, लेकिन लापरवाही की वजह से वैक्सीनेट हुए लोग भी कोरोना की चपेट में आ ही जा रहे हैं। केंद्र के साथ राज्य की सरकारें और प्रशासन रोज अपील कर रहे हैं, दिशा निर्देेश जारी कर रहे हैं और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने कह रहे हैं, इसके बावजूद लापरवाही बदस्तूर जारी है। जिसकी वजह से नवनियुक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बेहद सख्त लहजे में कहा है कि जहां कोरोना की गाइडलाइन टूटती है, वहां फिर से लॉक डाउन लगा दिया जाए।
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया पदभार ग्रहण करने के साथ ही एक्शन मूड में नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दोनों लहरों के दौरान स्वास्थ्य विभाग में खामियां देखीं, जिसकी वजह से उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को कैबिनेट से हटाकर उनकी जगह पर स्वास्थ्य विभाग की अह्म जिम्मेदारी मनसुख मंडाविया को सौंपी है।
सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने देश के सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्होंने दो टूक कहा है कि जहां पर भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है, जानबूझकर तोड़ने की कोशिश हो रही है, वहां पर तत्काल लॉक डाउन कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि देश को स्प्रेडर की आवश्यकता नहीं है।
टीके की कोई कमी नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि देश में टीकों की कोई कमी नहीं है। देश के प्रत्येक नागरिक के लिए मोदी सरकार ने टीकों की व्यवस्था मुफ्त में कर दी है। कुछ राज्यों की सरकारें जानबूझकर नागरिकों में भ्रम फैला रही हैं, इसके पीछे वजह राजनीतिक है, लेकिन इससे देश की जनता को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है और ना ही घबराने की जरूरत है।