रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक 9 वर्षीय मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस ने महज पांच दिनों के भीतर फास्ट ट्रैक कोर्ट में चालान पेश किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला कर दिया। जिसके तहत आरोपी अर्जुन पाल को मृत्यु पर्यन्त कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
राजधानी रायपुर में यह अपनी तरह का पहला प्रकरण है, जिसमें इतनी तीव्रता से फैसला आया है और मासूम को न्याय मिला है। कोर्ट का यह फैसला दूसरे अपराधियों के लिए भी मिसाल साबित होगा, इससे अत्याचार में कमी आने की उम्मीद की जा सकती है।
यह था पूरा मामला
रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में एक महिला अपने दो बच्चों को लेकर दूसरे पति अर्जुन पाल के साथ रहती थी। दो बच्चों में महिला की 9 वर्षीय बेटी भी शामिल है। आरोपी अर्जुन पाल की नीयत बेटी पर खराब थी और उसने मौका पाकर उसे 5 जून, 2021 को अपनी हवस का शिकार बना लिया। इसके बाद वह फरार हो गया था।
महिला की शिकायत पर अर्जुन पाल के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस मामले में एसएसपी रायपुर के निर्देश पर आरोपी अर्जुन पाल की तलाश शुरू की गई। पुलिस ने आखिरकार आरोपी अुर्जन पाल को धर दबोचा और फास्ट ट्रैक कोर्ट में उसे पेश करने के साथ ही चालान पेश कर दिया। जिसके चलते न्यायालय ने त्वरित कार्रवाई की और फैसला दे दिया।
महिला एसआई ने बच्ची का रखा ख्याल
अपने सौतेले पिता की हवस का शिकार बनी मासूम वारदात के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, जिस पर एसआई दिव्या शर्मा ने ध्यान दिया और मेडिकल इमरजेंसी के तहत उसे उपचार के लिए दाखिल कराया। अब उसके भविष्य और पढ़ाई की भी व्यवस्था पर ध्यान दिया गया है, ताकि मासूम अपने अतीत को भूलकर बेहतर जीवन यापन कर सके।