रायपुर। कोरोना काल में जब लगभग सभी सेक्टर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे थे, कारोबार नहीं चलने का दुखड़ा रोने के लिए मजबूर थे। ऐसे समय में जब लॉक डाउन था और लोग अपने घरों से भी नहीं निकल पा रहे थे, तब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के युवा सौरभ दुबे ने आईटी सेक्टर में कदम रखा और 86 प्रोजेक्ट हासिल कर उसे पूरा करने का साहस दिखाया, जिसमें सफलता भी हाथ आई।
यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि ऐसी हकीकत है, जिसका सपना आज के युवा संजोए हुए हैं। हर कोई सपनों की उड़ान चाहता है, पर उसे हकीकत का अमलीजामा पहनाना इतना भी आसान नहीं है। पर मुश्किल नहीं है, जब सपने को हकीकत में बदलने का जुनुन हो, दिल में जज्बा हो और कर दिखाने का साहस हो।
साहस था, एक जुनुन था,
यह सफलता की ऐसी हकीकत है, जिसे रायपुर के महज 24 वर्षीय युवा सौरभ दुबे ने कर दिखाया है। 20 मार्च 2020 को सौरभ ने धरम सॉफ्टवेयर फॉउंडेशन की नींव रखी और 22 मार्च को लॉक डाउन की घोषणा हो गई। यह किसी को भी निराश करने वाली घोषणा थी, फिर इस युवा ने तो केवल नींव रखी थी। पर भीतर साहस था, एक जुनुन था, जिसके चलते उसने अपने फाउंडेशन को नेटवर्किंग के माध्यम से जारी रखा और वक्त ने उसका साथ दिया।
35 लाख का आईटीआर
लॉक डाउन के हालात में भी आईटी सेक्टर के युवा कारोबारी सौरभ दुबे ने अपने सपनों की उड़ान को कमजोर नहीं पड़ने दिया। नतीजतन, उसे प्रोजेक्ट मिलते गए और उसने हाथों-हाथ काम को पूरा कर दिखाया, जिसकी वजह से 86 प्रोजेक्ट हाथ लगे और सफलता के साथ उसे पूरा किया। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि उसने 35 लाख का आईटीआर भी दाखिल किया।
50 लोगों को रोजगार देने की जिद
आईटी सेक्टर और होम ट्यूशन इंडिड में हाथ रखकर सपनों की उड़ान को हकीकत में तब्दील कर रहे सौरभ दुबे का सपना है कि वे राजधानी में आईटी सेक्टर के प्रतिभावान 50 से ज्यादा जरुरतमंदों को रोजगार दे सकें।
छग की पहली ऑनलाइन गेमिंग कंपनी
सौरभ दुबे ने ग्रैंड न्यूज को बताया कि देश और दुनिया में काफी कंपनियां हैं, जो मोबाइल गेम्स डेवलप करती हैं। इससे उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने तय किया कि वे छत्तीसगढ़ में मोबाइल गेम्स तैयार करेंगे। यहां से शुरू हुई सफलता की कहानी और आज लोग अपनी पसंद और डिमांड से गेम्स तैयार करा रहे हैं।