जशपुर। आखिरकार छग शासन ने सिविल सर्जन डॉ. एफ खाखा के खिलाफ निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। डॉ. खाखा के खिलाफ 12 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था, जिसे जांच में लिया गया था। पांच सदस्यीय कमेटी ने जांच के बाद रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बरती गई अनियमितता की पुष्टि की गई है। डॉ खाखा के निलंबन के बाद अब डॉ आर केरकेट्टा को सिविल सर्जन का प्रभार दिया गया है।
जिला अस्पताल मेें 12 करोड़ की गड़बड़ी मामले में जांच कमेटी गठित 5 सदस्यीय जांच ने टीम ने गड़बड़ी की पुष्टि की है। सिविल सर्जन, आरएमओ और स्टोर कीपर को दोषी पाया गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने संचालक स्वास्थ्य को निर्देशित किया है।
बता दें पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने ये पूरा मामला उठाया था। बगैर टेंडर निकाले खरीदी कर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी। अब जांच में गड़बड़ी सही पाई गई है। बहरहाल देखना होगा कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
पूरे मामले की जानकारी जब कलेक्टर को हुई तो उन्होंने जांच के बाद कार्यवाही की बात कही थी। 1998 में रायगढ़ से अलग होकर नया जिला जशपुर बनने के बाद से ही विभाग में बिना टेंडर, बिना क्रय नियम का पालन, बिना समिति की सिफारिश लिए ही ऐसी खरीदारी को अंजाम दिया जा रहा था। सबसे अधिक खरीदी के बिल रायगढ़ के फर्मों से की गई है।