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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित प्रदेश से अभी कोरोना और ब्लैक फंगस का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। तीसरी लहर की आशंकाओं से धड़कने बढ़ी हुई है। उस पर राजधानी में निमोनिया का खतरा पांव पसारने लगा है। निमोनिया की वजह से मौतों की तादाद बढ़ने लगी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप स्वाभाविक है। निमोनिया और कोरोना के लक्षण लगभग समान है, जिसकी वजह से चपेट में आने वाले लोगों को भी तत्काल समझ नहीं पड़ रहा है, और जब तक अस्पताल पहुंच रहे हैं, देर हो जा रही है, जिसकी वजह से मौत का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में यह मामला सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। राजधानी में पिछले 9 दिनों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं एक सप्ताह में 90 से ज्यादा लोग निमोनिया से पीड़ित मिले। शहर के अंबेडकर, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इधर मामलों में बढ़ोतरी होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।राजधानी सहित प्रदेशभर में कोरोना पीड़ितों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन चपेट में लोग अब भी आ ही रहे हैं। सोमवार को राजधानी रायपुर में 15 तो दुर्ग में 18 नए संक्रमितों का मिलना इस बात का गवाह है कि कोरोना का खतरा अब भी बरकरार है। जब तक स्थिति शून्य पर नहीं पहुंच जाती और सप्ताहभर तक शून्यता नहीं रहती, तब तक खतरा बरकरार ही रहेगा। कोराना हो या फिर निमोनिया, इसके लिए आम लोगों को ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ये दोनों ही बीमारियां जानलेवा हैं और इसके लक्षणों को समझ पाना आसान नहीं है। हल्की सर्दी, खांसी और बुखार होते ही सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श की आवश्यकता है, ताकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही नियंत्रित हो जाए।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित प्रदेश से अभी कोरोना और ब्लैक फंगस का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। तीसरी लहर की आशंकाओं से धड़कने बढ़ी हुई है। उस पर राजधानी में निमोनिया का खतरा पांव पसारने लगा है। निमोनिया की वजह से मौतों की तादाद बढ़ने लगी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप स्वाभाविक है। निमोनिया और कोरोना के लक्षण लगभग समान है, जिसकी वजह से चपेट में आने वाले लोगों को भी तत्काल समझ नहीं पड़ रहा है, और जब तक अस्पताल पहुंच रहे हैं, देर हो जा रही है, जिसकी वजह से मौत का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में यह मामला सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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राजधानी में पिछले 9 दिनों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं एक सप्ताह में 90 से ज्यादा लोग निमोनिया से पीड़ित मिले। शहर के अंबेडकर, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इधर मामलों में बढ़ोतरी होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
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