रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन से बड़ी खबर सामने आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सदन पहुंच गए है, और सदन में अपना वक्तव्य दे रहे हैं।
तीन दिन के बवाल के बाद सदन में सदस्य बृहस्पति सिंह ने बयान दिया कि
विगत चौबीस जुलाई को क़ाफ़िले पर हमले को लेकर मैंने भावावेश में आरोप लगा दिया था, इससे किसी की भी भावनाएँ आहत हुई थीं तो मैं खेद प्रकट करता हूँ”
ज्ञातव्य है कि विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों से आहात होकर स्वास्थ्य मंत्री सदन की कार्रवाई बीच में ही छोड़कर चले गए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, वे सदन की कार्रवाई से अलग रहेंगे।
इसके बाद कल का विधानसभा सत्र स्थगित कर दिया गया था। आज की कार्रवाई शुरू होने के बाद विपक्ष ने इस मामले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद विधायक बृहस्पत सिंह ने सदन में खेद व्यक्त किया और कहा- मैने भावेश में आ कर आरोप लगा दिया था। किसी को ठेस पहुची हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
इसके बाद गृह मंत्री ने भी टीएस सिँहदेव पर लगे आरोपों पर क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि साजिश और जान से मारने की कोशिश में सिंहदेव की कोई भूमिका नहीं थी। गृह विभाग ने सिंहदेव पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है।
सरकार की ओर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन से कहा
“इस घटना को लेकर मैंने पूर्व में व्यक्तव्य दिया था, उक्त घटना में मंत्री टी एस सिंहदेव का कोई संबंध नहीं है, उन पर लगाए तमाम आरोप झूठे और असत्य हैं”
इसके बाद सदन के नेता भूपेश बघेल ने सदन और आसंदी का जताया आभार, कहा-
“इस सदन की उच्च परंपराएँ हैं, सदन में बृहस्पति जी का व्यक्तव्य प्रशंसनीय है, मैं उन्हें बधाई देता हूँ.. गृहमंत्री जी को भी धन्यवाद देता हूँ, सदन में जो गतिरोध उत्पन्न हुआ, सभी ने गतिरोध दूर करने सहयोग किया.. मैं सबका आभार जताता हूँ.. पूरे सदन को धन्यवाद कहा है, फिर भी आसंदी की महत्वपूर्ण भुमिका को लेकर उन्हें भी धन्यवाद देता हूँ”
वहीं विपक्ष ने सदन में धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग उठाई थी। जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया है। विपक्ष की माने तो प्रदेश में कई जिलों के अंदर बड़े पैमाने में धर्मांतरण कराए जा रहे हैं जिसे कलेक्टर और एसपी रोकने में नाकाम हैं।