अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में पहली बार नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में त्वरित निर्णय आया है। पुलिस ने पांच दिन के भीतर अदालत में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया और 35 वें दिन अदालत ने आरोपित को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया। महिलाओं, बालिकाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ जारी विशेष अभियान में पुलिस ने तत्परता दिखाई और अदालत में आरोपी के खिलाफ सारे आरोप प्रमाणित पाए गए तथा उसे सजा सुनाई गई।
बीते दो जुलाई 2021 की रात डायल 112 के माध्यम से थाना प्रभारी त्रिकुण्डा को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र के एक गांव में पांच वर्ष की अबोध बालिका के साथ आरोपित महेश चरगट द्वारा दुष्कर्म किया गया है। एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल के नेतृत्व में त्रिकुंडा थाना प्रभारी अनिता मिंज के साथ पुलिस टीम रात को ही घटनास्थल पहुंच गई थी। रात में ही आरोपित के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया था। अगले दिन अदालत के आदेश पर आरोपित को जेल दाखिल कर थाना प्रभारी त्रिकुण्डा द्वारा पांच दिवस के भीतर ही विवेचना पूर्ण कर बीते सात जुलाई 2021 को अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) वंदना दीपक देवांगन द्वारा प्रकरण के सारे पक्षियों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को दुष्कर्म और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का दोषी पाया। प्रकरण में अदालत ने 11अगस्त 2021 को अंतिम निर्णय पारित करते हुए आरोपित को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।