नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में मचे यियासी घमासान की गूंज दिल्ली तक पहुंचने के बाद आज आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं धन्यवाद देता हूं जेपी नड्डा, पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह को जिन्होंने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया। मेरे जीवन में दो तारीखें अहम हैं। पहला दिवस 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता जी को खोया। एक जीवन बदलने का दिवस था मेरे लिए। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। जब जीवन में मैने नई परिकल्पना का सामना करते हुए नया फैसला लिया है। मैंने सदैव माना है कि भारत मां को मानकर लक्ष्य होना चाहिए।
कांग्रेस छोड़ने के एक दिन बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। सिंधिया ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली। बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं। वो पहला दिन 30 सितंबर 2001 था, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिता को खोया। वह मेरे लिए जीवन बदलने का दिन था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 थी, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। इस दिन मैंने एक नया फैसला लिया। सिंधिया ने कहा, ‘मैंने हमेशा माना है कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए। राजनीति केवल उस लक्ष्य को पूरा करने का माध्यम होना चाहिए और कुछ नहीं।’ सिंधिया ने कहा कि आज वाली कांग्रेस पहले जैसी नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार में आज ट्रांसफर उद्योग चल रहा है।
इस अवसर पर जेपी नड्डा ने सिंधिया को परिवार का सदस्य बताया। जेपी नड्डा ने कहा, ‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।’
ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने कोटे से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाएगी और बाद में उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। सिंधिया ने मंगलवार को भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद इन दोनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इन बैठकों के बाद सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफे में तारीख सोमवार 9 मार्च की थी।
मध्य प्रदेश के सियासी हलके में मंगलवार सुबह से ही चर्चा थी कि अपने पिता माधव राव सिंधिया की 75वीं जन्मतिथि पर ज्योतिरादित्य कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। दोपहर बाद सिंधिया ने किया भी कुछ ऐसा ही। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से नाराज चल रहे सिंधिया सूबे में सरकार बनने के बाद से ही अपनी उपेक्षा से आहत थे।
सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।’
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब तक 22 कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘इसमें चिंता की बात नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।’