हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े ब्रांड बन चुके अभिनेता अक्षय कुमार की नई फिल्म ‘बेलबॉटम’ एक नई मुसीबत में हैं। फिल्म की शुरूआत में हालांकि ये कहा गया है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित होने के बावजूद काल्पनिक है। लेकिन, अब खुलासा ये हुआ है कि जिस विमान अपहरण की घटना में आतंकियों को पकड़ने का काम फिल्म में रॉ के एक एजेंट के जरिये होता दिखाया गया है, वैसी घटना संबंधित विमान अपहरण के संदर्भ में कभी हुई ही नहीं।
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हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े ब्रांड बन चुके अभिनेता अक्षय कुमार की नई फिल्म ‘बेलबॉटम’ एक नई मुसीबत में हैं। फिल्म की शुरूआत में हालांकि ये कहा गया है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित होने के बावजूद काल्पनिक है। लेकिन, अब खुलासा ये हुआ है कि जिस विमान अपहरण की घटना में आतंकियों को पकड़ने का काम फिल्म में रॉ के एक एजेंट के जरिये होता दिखाया गया है, वैसी घटना संबंधित विमान अपहरण के संदर्भ में कभी हुई ही नहीं।1984 में एयर इंडिया के एक विमान का अपहरण करके उसे लाहौर के रास्ते दुबई ले जाया गया था, लेकिन तब वहां के रक्षा मंत्री ने ही पूरा मामला संभाला था और बाद में उन आतंकियों को अपहरण में इस्तेमाल की गई पिस्तौल के साथ भारत सरकार को प्रत्यर्पित कर दिया गया था। फिल्म में दिखाए गए इस कथित झूठ के चलते फिल्म ‘बेलबॉटम’ को कम से कम तीन अरब देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है।फिल्म ‘बेलबॉटम’ के निर्देशक रंजीत एम तिवारी ने ‘अमर उजाला’ से फिल्म की रिलीज से पहले हुई बातचीत में बताया कि ये कहानी उनकी टीम के लेखक असीम अरोड़ा की है। असीम को ये कहानी अखबारों और कुछ किताबों के जरिये मिलने की बात भी रंजीत ने बताई।लेकिन ये बात उन्होंने भी जाहिर नहीं की कि फिल्म ‘बेलबॉटम’ की कहानी में सिर्फ विमान अपहरण का संदर्भ ही असली है, बाकी पूरी कहानी फिल्मी है। दरअसल, फिल्म ‘बेलबॉटम’ में दिखाया गया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर रॉ एजेंट बेलबॉटम दुबई जाता है और वहां पहले से तय प्लान नाकाम हो जाने के बाद खुद फैसला लेकर आतंकियों को पकड़ने निकल पड़ता है।फिल्म ‘बेलबॉटम’ की कहानी के मुताबिक दुबई में रॉ एजेंट्स के प्लेन में प्रवेश की कोशिश विफल होने के बाद वह सूर्यास्त के समय आए रेतीले तूफान की मदद लेते हैं। तब तक विमान का अपहरण करने वाले आतंकी जहाज से बाहर आ चुके होते हैं और उनकी मांग के मुताबिक भारतीय जेलों से छोड़े गए आतंकी भी दुबई पहुंच चुके होते हैं। इन सारे आतंकियों को रॉ एजेंट बेलबॉटम अपने साथियों की मदद से एयरपोर्ट पर ही पकड़ लेता है और अपहृत विमान को सुरक्षित भारत लेकर आ जाता है।