पेट का निचले हिस्सा अगर बहुत ज्यादा बाहर निकला हुआ हो तो ये पूरी बॉडी का शेप बिगाड़ देता है। ज्यादातर लोग इसे ही कम करने के तरीके तलाशते और पूछते रहते हैं। तो आज हम तोंद को अंदर करने वाले जादुई वर्कआउट के बारे में जानेंगे।
सिट-अप्स पेट की मसल्स और बॉ़डी की कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए की जाने वाली एक बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। एब्डोमिनल मसल्स को मजबूत और टोन करने के साथ-साथ यह डाइजेशन को सुधारने में भी फायदेमंद है। सिट-अप्स के कई वेरिएशंस भी होते हैं। आइए जानते हैं और क्या-क्या फायदे हैं इस एक्सरसाइज के…
कोर स्ट्रेंथ को बढ़ाती है
रोज सिट-अप्स करने से बॉडी की कोर स्ट्रेंथ और ताकत बढ़ती है। रोजाना सिट-अप्स करने के बाद मसल्स मजबूत होती है और पीठ, गर्दन के दर्द में भी आराम मिलता है।
एथलेटिक परफॉर्मेंस में सुधार
खेलकूद और फिजिकल एक्टिविटीज से जुड़े कामों में बॉडी की मसल्स का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए एथलीट्स के लिए यह एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद मानी जाती है, इससे उनकी बॉडी की ताकत और टॉलरेंस बढ़ती है।
मसल्स होती है मजबूत
पेट, पीठ और छाती की मसल्स को मजबूत करने और उन्हें टोन करने के लिए सिट-अप्स करना बहुत जरूरी है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ मसल्स में प्रॉब्लम भी बढने लगती है। कई रिसर्च और स्टडीज भी इसे कंफर्म कर चुकी हैं कि सिट-अप्स खिलाड़ियों की कैपेसिटी बढ़ाने में भी बहुत फायदेमंद होती है।
बॉडी बनती है फ्लेक्सिबल
रोज सिट-अप्स करने से बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। इसे करने से रीढ़ की हड्डी और कूल्हो को लचीला बनाने में फायदा मिलाता है। स्ट्रेस और अकड़न जैसी प्रॉब्लम्स दूर होती है। लचीलेपन की वजह से कॉन्सट्रेशन में भी सुधार आता है।
बेहतर बैलेंस और पोश्चर
रोज सिट-अप्स करने से बॉडी का बैलेंस बेहतर होता है। सिट-अप्स पेट की मसल्स और कूल्हे की मसल्स पर ज्यादा असर डालती है। इसे करने से बॉडी के पोश्चर में सुधार होता है। आपके कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कंधे का पोश्चर भी ठीक होता है।