World Sanskrit Day: विश्व संस्कृत दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों ने शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी और धर्मेंद्र प्रधान ने संस्कृत भाषा का महत्व बताते हुए संस्कृत में ही ट्वीट किया. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘ये भाषा प्राचीन और आधुनिक भी है. जिसका तत्वज्ञान गहन है और काव्य भी तरुण है. जो अभ्यास योग्य सरल है और श्रेष्ठ दर्शन से युक्त है. उस संस्कृत भाषा को ज्यादा से ज्यादा लोगों को पढ़नी चाहिए. सभी को संस्कृत दिवस की शुभकामनाएं.
संस्कृतं न केवलं एका भाषा, अपितु भारतस्य जीवनदर्शनम्। संस्कृतं भारतस्य एकात्मतायाः भाषा। ज्ञानविज्ञानयोः भाषा। प्राचीनभाषा, आधुनिकभाषा अपि। तत्त्वज्ञानस्य भाषा, सर्वेषां भाषा च।
सर्वेभ्यः संस्कृतदिवसस्य शुभाशयाः। https://t.co/h9Bk5e4Cnn
— Dharmendra Pradhan (मोदी का परिवार) (@dpradhanbjp) August 22, 2021
वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि संस्कृत सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि भारत का जीवन दर्शन है. संस्कृत भारत को एकता को पिरोने वाली भाषा है. ज्ञान विज्ञान की भाषा. प्राचीन और आधुनिक भाषा भी है. तत्व ज्ञान की भाषा और सभी की भाषा है. सभी को संस्कृत दिवस की शुभकामनाएं.
1969 में देश में पहली बार मनाया गया संस्कृत दिवस
साल 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था. तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन को इसलिए चुना गया था कि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था.
इसी दिन वेद पाठ का आरंभ होता था तथा इसी दिन छात्र शास्त्रों के अध्ययन का प्रारंभ किया करते थे. पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की पूर्णिमा तक अध्ययन बन्द हो जाता था. प्राचीन काल में फिर से श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था, वर्तमान में भी गुरुकुलों में श्रावण पूर्णिमा से वेदाध्ययन प्रारम्भ किया जाता है. इसीलिए इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप से मनाया जाता है. आजकल देश में ही नहीं, विदेश में भी संस्कृत उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसमें केन्द्र तथा राज्य सरकारों का भी योगदान उल्लेखनीय है.