बिहार में चार करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. वहीं शनिवार को पुलिस (Bihar Police) एक गिरफ्तार बैंककर्मी नितेश सिंह को लेकर गोबरसही साइंस कॉलेज स्थित पीएनबी शाखा (PNB Branch) पहुंची. एसएसपी जयंतकांत ने नितेश से क्राइम सीन (Crime Scene) रिक्रिएट कराया. नितेश ने पुलिस को पूरी जानकारी दी कि कैसे वो ग्राहकों की जानकारी लीकर करता था.
नितेस ने बताया कि सिस्टम में सभी ग्राहकों का डेटा अलग-अलग है. इसमें व्यवसायी, पेंशनर, सर्विसमैन, इंजीनियर, प्रोफेसर और डॉक्टरों का डेटा अलग-अलग रखा गया. इसमें से पेंशनर और प्रोफेसर के खातों की डिटेल्स पहले निकाली जाती थी. इसके बाद एक-एक ग्राहक को टारगेट किया जाथा था.
खाते में पैसे देखने के बाद बनाते थे शिकार
आरोपी ये भी देखते थे कि उसके खाते में कितने रुपए हैं. ज्यादा रुपए होने पर ग्राहक की पूरी डिटेल निकाली जाती थी और मोहम्मद जफर को दी जाती थी. इसके आगे का काम जफर करता था. जफर ग्राहक का फर्जी आधार कार्ड तैयार करता था और सिम स्वैप करता था. इसके बाद पीएनबी का ऐप डाउनलोड कर आधार कार्ड नंबर औऱ बैंक एकाउंट नंबर डालता था.
पश्चिम बंगाल ट्रांसफर किया जाता था पैसा
इसके बाद खाते से रुपए निकलकर पश्चिम बंगाल के समीर दास के बताए एकाउंट में ट्रांसफर करता था. नितेश ने बताया कि समीर वहां से उसे रुपए मे से 50 प्रतिशत बस में रखकर भेजता था. बस जब बैरिया स्टैंड पहुंचती थी तो जफर उस रुपए के बॉक्स को उतार लेता था. कई बार हवाला के जरिए भी पैसे दिए जाते थे. नितेश ने बताया कि बॉक्स को अच्छे से पैक कर, उस पर मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स या दवा कंपनी का नाम लिखा होता था. ताकि किसी को शक नहीं हो.
पुलिस रिमांड पर हैं तीनों आरोपी
अभी बैंककर्मी नितेश सिंह, संजय, राजेश और जफर तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर है. कोर्ट के आदेश के बाद चारों को टाउन थाना की पुलिस ने उन्हें रिमांड पर लिया था. इसके बाद अन्य अकाउंट के संबंध में पूछताछ की गई. बिहार, पश्चिम बंगाल के बाद अब और 8 खातों की जानकारी मिली है. इन खातों में फ्रॉड के रुपए ट्रांसफर किए जाते थे. एक खाता यूपी का है. इसमें एक करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया है. पुलिस अब इस खाते की जानकारी जुटाने में लगी है. आरोपियों की निशानदेही पर 90 लाख रुपए फ्रीज किए हैं और 10 लाख रुपए कैश बरामद हुए थे.