नोएडा। कोरोना संकट के दौर में अस्पतालों की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। इलाज न मिलने के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई। इलाज के लिए दर-दर भटक रही 8 महीने की गर्भवती महिला को कोरोना के लक्षण होने की वजह से कहीं भर्ती नहीं किया गया। 13 घंटों तक 8 महीने की गर्भवती महिला ऐंबुलेंस से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ती रही और आखिरकार इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। मामला दिल्ली से सटे नोएडा का है। डीएम सुहास एल वाई ने जांच के आदेश दिए हैं
बताया जाता है कि गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी नीलम कुमारी 8 महीने की गर्भवती थी। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। प्रसव दर्द उठने के बाद उसे शुक्रवार सुबह 6 बजे उसे ऑटो से एक अस्पताल ले जाया गया। नीलम के पति बृजेंद्र एक मीडिया फर्म के मेंटिनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं। उनके भाई शैलेंद्र कुमार ऑटो ड्राइवर हैं।
शैलेंद्र और उनकी पत्नी सुषमा अपने ऑटो से नीलम को लेकर नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल लेकर गए। महिला को कोरोना के डर के चलते इस अस्पताल ने उसका इलाज करने से मना कर दिया | उसे पहले ईएसआई अस्पताल ले गए | इस अस्पताल ने उन्हें जिला अस्पताल में रेफर किया | फिर जिला अस्पताल ने शारदा हॉस्पिटल भेजा | यहाँ से उसे जीम्स भेजा गया, जिम्स ने बेड खाली न होने का हवाला देकर गर्भवती महिला को फोर्टिस अस्पताल भेजा | यहां भी उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया | इसके बाद महिला को मैक्स अस्पताल ले जाया गया| यहाँ तक पहुंचने में देर हो जाने की वजह से महिला की एंबुलेंस में ही मौत हो गई | इस मामले में तीनों अस्पतालों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.