छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पेट्रोल पंप मालकिन शांति पटेल (60) की हत्या मामले में पुलिस ने नौकरानी के बेटे और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों शार्टकट तरीके से अमीर बनकर अय्याशी करना चाहते थे। इसके लिए आरोपी ने मां को काम से निकाले जाने के बाद लूट की साजिश रची। घर में घुसे और 5 घंटे आंगन में छिपकर इंतजार करते रहे। सुबह होने पर महिला के हाथ-पैर बांधकर धारदार हथियार से गला रेत दिया।
घर से गायब थी कार, मिला सुराग
दरअसल, 2 दिन पहले शांति पटेल का शव सुभाषनगर स्थित उनके घर में मिला था। शव के हाथ गमछे से और पैर बेल्ट से बंधे हुए थे। गले पर धारदार हथियार का घाव था और फर्श पर खून बिखरा पड़ा था। सामान बिखरा पड़ा था और उनकी कार भी गायब थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि चोरी हुई कार को बस स्टैंड की ओर से विश्रामपुर की ओर जाते देखा गया है। इस पर पुलिस ने पीछा किया और घेराबंदी कर काली घाट के पास कार रुकवा ली।
मृतिका के घर से था वाकिफ
कार में बलरामपुर के बसंतपुर निवासी अनुराग सिंह मरकाम (18) और मल्हार, बिलासपुर हाल पता गांधी नगर सरगुजा निवासी पृथ्वीराज मैना (19) बैठे थे। पूछताछ में पृथ्वीराज ने बताया कि शांति पटेल के घर उसकी मां काम करती थी। घटना से कुछ दिन पहले उसकी मां को काम से निकाल दिया था। पृथ्वी अपनी मां के साथ शांति पटेल के घर पहले भी जा चुका था। उसे पता था कि शांति पटेल अकेली रहती हैं। लालच में आकर उसने लूट की साजिश रची।
आधी रात से सुबह तक इंतजार
पृथ्वीराज ने पुलिस को बताया कि वह और अनुराग सिंह 20 अगस्त की रात करीब 2 बजे घर की दीवार कूदकर आंगन में गए, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण अंदर नहीं घुस सके। इस पर वहीं छिपकर दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगे। सुबह करीब 7 बजे शांति पटेल ने आंगन का दरवाजा खोला तो दोनों आरोपी मौका पाकर अंदर घुस गए। इसके बाद किचन से दोनों ने अलग-अलग चाकू ले लिया और सोफे के पीछे छिपकर इंतजार करने लगे।
जमीन पर पटक, रेत दिया गला
इसके बाद शांति बाथरूम से आकर झाड़ू लगाने लगी। तभी दोनों आरोपियों ने उनको पीछे से पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया। शोर मचाने पर बेडरूम के पर्दे से मुंह बंद कर दिया। गमछे और बेल्ट से हाथ-पैर बांधा और गला रेत दिया। इसके बाद मोबाइल, डेबिट कार्ड, चेकबुक, 6000 रुपए और कार लेकर भाग निकले। दोनों आरोपी 21 से 24 तक उनकी कार लेकर इधर-उधर घूमते रहे। इस दौरान डेबिट कार्ड की सहायता से मोबाइल पर फोन-पे एप डाउनलोड किया और रुपए खर्च किए।