जगदलपुर में भाजपा का चिंतन शिविर शुरू हो चुका है। शिविर के पहले दिन आदिवासी दिग्गज नेता नंदकुमार साय एक बार फिर मुखर हुए। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदेश में 15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद पार्टी आखिर 15 सीटों पर ही क्यों सिमटकर रह गई। उनके इस सवाल के बाद भाजपा में सन्नाटा पसर गया।
बता दें कि 31 अगस्त से 2 सितंबर तक भारतीय जनता पार्टी बस्तर में चिंतन शिविर आयोजित कर रही है। पहले दिन भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव शिव प्रकाश, छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह-प्रभारी नितिन नवीन व संगठन महामंत्री बी.एल संतोष बैठकों में शामिल हुए। प्रदेश भाजपा से पूर्व CM डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पार्टी के अध्यक्ष विष्णुदेव साय नजर आए। दिनभर पार्टी के नेता अपनी सियासी रणनीतियों पर चर्चा करते रहे। कुछ के दिलचस्प और सियासी पारे में गर्मी बढ़ाने वाले बयान सामने आए। बैठक के लिए बस्तर संभाग के शहर जगदलपुर के सबसे बड़े एक होटल को चुना गया है।
बैठक में शामिल हुए प्रदेश में बड़े आदिवासी नेता माने जाने वाले डॉ नंदकुमार साय ने पिछली हार को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर मंथन करना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों हुई, हम 15 साल सरकार चलाने के बाद 15 सीट पर क्यों आ गए, बीजेपी की लगातार हार क्यों हुई, इन कारणों पर चर्चा के बाद ही आगे की रणनीति बन सकती है।
नेतृत्व को लेकर उठा सवाल
राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब तक बड़ी बैठकें रायपुर में होती रही हैं अब बस्तर के जरिए दूसरी जगहों पर भी बैठक की शुरुआत कर रहे हैं, इस बैठक में पार्टी की रणनीति पर बात होगी। हार की वजहों पर चर्चा होगी और जीत की रणनीति पर बात होगी। नेतृत्व को लेकर बीजेपी में चल रहे बदलाव की चर्चा पर पर सरोज पांडेय ने कहा कि, बीजेपी में संगठन काम करता है। फ़िलहाल नेतृत्व में किसी तरह के बदलाव की बात नहीं है।