ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा. भारत के लिए हरविंदर सिंह (Harvinder Singh) ने आर्चरी में 13वां मेडल हासिल किया। वह इन खेलों में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज हैं। उन्होंने शूटऑफ में पहुंचे ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया के खिलाड़ी को 6-5 से मात दी। दोनों खिलाड़ी पांच सेट के खेल के बाद 5-5 से बराबरी पर थे। इसके बाद शूट ऑफ शुरू हुआ। किम ने आठ पर निशाना लगाया वहीं हरविंदर सिंह ने 10 पर निशाना लगाया और मेडल अपने नाम किया।
जकार्ता एशियन गेम्स 2018 की पैरा तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले एथलीट हरविंदर सिंह ने 21वें वरीय के तौर पर क्वालीफाई किया था. मध्यम वर्ग किसान परिवार के सिंह जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और स्थानीय डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिसका गलत असर हुआ और तब से उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया।
एक ही दिन में खेले पांच मुकाबले
हरविंदर ने शुक्रवार को पांच मुकाबले खेले. उन्होंने दिन की शुरुआत दुनिया के 23वें इटली के स्टेफानो ट्राविसानी को मात देकर की. सिंह ने शूटआउट में 6-5 (10-7) से जीत हासिल की. इसके बाद अगले राउंड में उन्होंने ROC के बातो सिडेनडरहजहेव को मात दी. दो बेहद ही करीबी मुकाबलों के तीसरे राउंड में जर्मनी के मेक सजारसजेवस्की को 6-2 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. 30 साल का यह तीरंदाज सेमीफाइनल में अमेरिका के केविन माथर से हार गया था. केविन ने हरविंदर सिंह को 4-6 से हराया था।
शुक्रवार को मिला तीसरा मेडल मिला
भारत के प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रजत पदक जीता जिससे इन खेलों में देश के पदकों की संख्या 11 तक पहुंच गई है. अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालिंपिक में डेब्यू करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियन रिकॉर्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया. वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वहीं दिन का दूसरा मेडल निशानेबाज अवनि लेखरा ने दिलाया. भारतीय महिला निशानेबाज ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया. उन्नीस साल की लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था जिसमें 51 ‘इनर 10’ (10 अंक के 51 निशाने) शामिल थे।