रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने 9 कैबिनेट मंत्रियों के साथ आज मीडिया से एक साथ चर्चा कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा के द्वारा चिंतन शिविर आयोजित हुआ। जिसमें राष्ट्रीय नेतृत्व और पदाधिकारी शामिल हुए थे। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, अमर अग्रवाल को आमंत्रित नहीं किया गया था।
बस्तर में भाजपाइयों ने चिंतन शिविर का आयोजित हुआ, वहाँ चिंता आदिवासियों के लिए, नक्सल समस्या के लिए नहीं था। उनके मुद्दे थे धर्मांतरण, छत्तीसगढ़ की सरकार, उनकी चिंता थी OBC वर्ग को साधना।
उनके चिंतन में यहाँ के मंत्रिमंडल के लिए ही था। भाजपा प्रभारी ने एक बात कही थी ‘हमारी सबसे बड़ी चुनौती CM और मुख्यमंत्री का किसान होना है’ बताया था।
‘थूक देंगे तो सरकार बह जाएगी’
मंत्रिमंडल और CM का किसान होना उनके लिये सबसे बड़ी चुनौती थी।
भाजपा प्रभारी ने कहा-‘थूक देंगे तो सरकार बह जाएगी’। ये छत्तीसगढ़ की धरती माता कौशल्या, माता शबरी की है, मिनी माता की है। यहाँ नारियों की पूजा होती है। हमारे व्यवहार में लिगांनुपात महिलाओं का सबसे अच्छा है। यहां पर्दा प्रथा नहीं है।
इतनी ज्यादा नफरत मन में है भाजपा के
छत्तीसगढ़ में हमेशा नारियों का सम्मान रहा है। पुरंदेश्वरी के बारे में कुछ नहीं कहूंगा, वो भी सम्माननीय हैं। भाजपा प्रभारी ने कहा ‘भाजपा के कार्यकर्ता थूकेंगे, तो मंत्रिमंडल बह जाएगा।’इतनी ज्यादा नफरत मन में है भाजपा के। पहले मैं किसान हूँ, फिर बाद में मुख्यमंत्री हूँ। मतलब इन्होंने किसान पर थूकने की बात कही है। इन्होंने किसानों पर थूकने की बात कही है। ये मंत्रिमंडल राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। इसका मतलब प्रभारी के मन में घृणा है। नफरत है।
छत्तीसगढ़िया का अपमान है
ऐसा बयान छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़िया का अपमान है। इनकी सोच, इन्हें मुबारक। हमारे मन में नफरत, घृणा नहीं है। इस धरती में प्रेम बाँटा जाता है। ये लोग नफरत की फसल बो रहे हैं। इस बयान में भाजपा के तरफ से कोई माफीनामा नहीं आया। इसका मतलब ये है कि भाजपा का राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व किसान को नफरत के लायक मानते हैं।
इन्हें अपने सूखे की चिंता
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रदेश भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी का बयान छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। प्रदेश में पानी नहीं गिरा है, अकाल की स्थिति है लेकिन इन्हें अपने सूखे की चिंता है। महामारी अधिनियम में थूकना अपराध है। थूकने के लिए प्रेरित करना अपराध है।अगर कलेक्टर ने संज्ञान ले लिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इनको अंदाज़ नहीं है ताकत का, गलत आकलन कर रही है।