रायपुर .छत्तीसगढ़ विधान सभा की वर्ष 2020-21 के लिए गठित प्राक्कलन समिति की प्रथम बैठक आज विधान सभा परिसर स्थित मुख्य समिति कक्ष में संपन्न हुई । समिति की आज संपन्न प्रथम बैठक में मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत विशेष रूप से उपस्थित थे । बैठक में समिति के सभापति संतराम नेताम, सदस्य लखेश्वर बघेल, शिशुपाल सोरी, देवेन्द्र यादव, अशीष कुमार छाबडा, चन्दन कश्यप एवं विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराड़े भी उपस्थित थे ।
प्राक्कलन समिति की प्रथम बैठक को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि-प्राक्कलन समिति विभागों के प्राक्कलनों पर विचार करती है और विभागीय नीति के अनुरूप खर्च पर नियंत्रण करने तथा बचत के सुझाव देती है । समिति पूर्व के वित्तीय वर्षो में किये गये खर्च को देखते हुए भविष्य में किन योजनाओं पर कार्य किया जाना है उसके संबंध में भी सुझाव देती है । प्राक्कलन समिति का कार्य यह भी है कि-वह विभागों की कार्य पद्धतियों का परीक्षण करे और विभागों की कार्य प्रणाली में किस प्रकार से सुधार किया जा सकता है, उसके संबंध में अनुशंसा करें ताकि जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिल सके ।
उन्होने कहा कि-विभागों में कई बार राशि वर्ष के अंतिम महीनों में खर्च की जाती है जिसके कारण उस राशि से राज्यहित में जो कार्य होना रहता है वह अपेक्षित रूप से पूर्ण नही हो पाता । उन्होने कहा कि-प्राक्कलन समिति वित्तीय स्वरूप की एक महत्वपूर्ण समिति है । प्राक्कलन समिति को यह भी देखना है कि जिन कार्यो के लिए राशि की मांग की गई है उन कार्यो की वास्तव में उपयोगिता है अथवा नहीं, यदि अनावश्यक कार्यो के लिए राशि की मांग की गई है जो ऐसे कार्यो में मितव्ययिता लाने के लिए भी समिति को सुझाव देने एवं अनुशंसा करने का अधिकार है । उन्होने यह अपेक्षा व्यक्त की कि समिति अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यो को निपटाने के लिए कार्य करेंगी जिससे विधान सभा के प्रति जनता का विश्वास दृढ हो ।
प्राक्कलन समिति के सभापति संतराम नेताम ने कहा कि-प्राक्कलन समिति का मुख्य कार्य प्रशासन में कार्यपटुता ओर मितव्ययिता लाने के लिए वैकल्पिक नीतियों का सुझाव देना है । उन्होने विश्वास दिलाया कि विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत जी की अपेक्षाओं के अनुरूप समिति अपना कार्य करेगी, जिससे प्रदेश की जनता को शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो । समिति की बैठक में समिति के सदस्य शिशुपाल सोरी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव रखे ।