कोरबा। कहते हैं पति की अर्धांगिनी उसकी पत्नी होती है। इसलिए यदि पति पर कोई आंच आ जाए तो उसकी रक्षा के लिए पत्नी ही हमेसा आगे खड़ी होती है। पौराणिक काल में भी बताया जाता है कि किस प्रकार से सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस मांग कर लाए थे। कुछ इसी प्रकार की साहस से भरी हुई पत्नी की दास्तान हम इस लेख में बताने जा रहे हैं जिसने अपने पति की जान बचाने के लिए दो भालुओं से भिड़ गई। खुद बुरी तरह से घायल हो गई, लेकिन पति को खरोच तक नहीं आने दिया।
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बकरी चराने के दौरान भालुओं ने किया हमला
मामला लेमरु थाना क्षेत्र के ग्राम अलगीडोंगरी में रहने वाली ईतवारी बाई का है, जो अपने पति पवित्तर सिंह के साथ शनिवार शाम करीब पांच बजे बकरी चराने जंगल गई थी। इसी दौरान जंगल से निकलकर दो भालुओं ने पवित्तर सिंह पर हमला कर दिया।
पति की जान बचाने भालुओं से भिड़ी
पति की जान संकट में देख ईतवारी बाई भालुओं से भिड़ गई और अपने पति की जान बचाने में कामयाब हो गई। हालांकि, भालुओं से लोहा लेने के दौरान वह बुरी तरह जख्मी हो गई। 108 संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार जारी है।
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