हमारे देश मे गणेश प्रतिमाओं की स्थापना को लेकर कई किवदंतियां प्रचलित हैं। लेकिन जिस प्रतिमा की स्थापना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। उसके बारे में आपने शायद ही कहीं देखा या सुना हो। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से लगे ग्राम संबलपुर में एक छोटी सूंड के साथ गणपति विराजमान हैं। जिसकी महिमा दूर-दूर तक फैली है।
जमींदार ने की मूर्ति ले जाने की कोशिश
बात कंडरा राजा के जमाने की है। जब गांव के एक तालाब में गणपति की प्रतिमा तैर रही थी। पानी में प्रतिमा देखकर ग्रामीणों ने उसे लाकर खेतों में स्थापित किया और पूजा का दौर शुरु हुआ। गढ़बांसला में ठाकुर राम चांडक जमींदार हुआ करते थे । ठाकुर राम चांडक जब गढ़बांसला आए तो प्रतिमा को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने प्रतिमा को अपने गांव ले जाना की इच्छा जताई और गणेश मूर्ति को अपनी निवास स्थान ग्राम संबलपुर ले जाने के लिए बैलगाड़ी की । लेकिन बैलगाड़ी थोड़ी ही दूर जाकर टूट गई।
एक के बाद एक टूटे 12 बैलगाड़ी के पहिए
गढ़बांसला से संबलपुर की दूरी महज 7 किलोमीटर थी लेकिन मूर्ति को ले जाने के लिए एक के बाद 11 बैलगाड़ी लाए गए और वो टूटते गए। आखिर में 12 वीं बैलगाड़ी लाई गई लेकिन उसका भी वही हाल हुआ जो पहले की गाड़ियों का हुआ था। इसके बाद कोई भी उस मूर्ति को हिला नहीं सका। आज भी मूर्ति उसी जगह स्थापित है। और अब उस स्थान पर भव्य मंदिर बन चुका है।
गढ़बांसला से संबलपुर की दूरी महज 7 किलोमीटर थी लेकिन मूर्ति को ले जाने के लिए एक के बाद 11 बैलगाड़ी लाए गए और वो टूटते गए। आखिर में 12 वीं बैलगाड़ी लाई गई लेकिन उसका भी वही हाल हुआ जो पहले की गाड़ियों का हुआ था। इसके बाद कोई भी उस मूर्ति को हिला नहीं सका। आज भी मूर्ति उसी जगह स्थापित है। और अब उस स्थान पर भव्य मंदिर बन चुका है।
1 इंच भी नहीं हिली गणपति की प्रतिमा
मंदिर के जीर्णोद्धार के समय भी मूर्ति नहीं हिली। इसके बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को बुलाया गया था । जिसके बाद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर समिति को बताया कि गणपति की प्रतिमा जीवित अवस्था में है।आज भी मूर्ति जमीन के तल में स्थापित है और हर साल बढ़ती है।
5 जीवित मूर्तियों में गिनी जाती है प्रतिमा
गणपति की यह प्रतिमा भारत की 5 जीवित गणेश मूर्तियों में गिनी जाती है। गढ़बांसला को इस क्षेत्र का सबसे पुराना तहसील कहा जाता । राजवाड़ा होने कारण यह 84 परगना की देवी देवताओं का निवास स्थान भी है।
रिपोर्ट- लीलाधर निर्मलकर