शुक्रवार से प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है। अब स्कूल में ही ITI जैसे प्रोफेशनल टेक्निकल कोर्स की पढ़ाई होगी। विश्वकर्मा जयंती के मौके पर इसकी शुरुआत पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल से की गई। जल्द ही ये व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दफ्तर में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में इस नई सुविधा का आगाज किया है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम एक नवाचार कर रहे हैं। अब हायर सेकेंडरी के साथ स्कूल में ही बच्चे ITI की पढ़ाई कर सकेंगे। 12वीं पास करते हुए ITI का सर्टिफिकेट कोर्स पूरा होगा। बच्चों का समय बचेगा। 12वीं पास करते ही उन्हें मार्कशीट मिलेगी और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट उनके हाथ में होगा वो रोजगार के दिशा में कदम उठा सकेंगे।
पाटन के स्कूल से शुरू हुए रोजागारोन्मुखी शिक्षा पाठ्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग और ITI ने मिलकर तैयार किया है। हायर सेकेंडरी कक्षाओं के विद्यार्थी मुख्य विषयों की शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही पांचवें विषय के रूप में प्रोफेशनल कोर्स का चयन कर सकेंगे। छात्रों के लिए वेल्डर ट्रेड, लड़कियों के लिए स्टेनोग्राफी का हिंदी सिलेबस बनाया गया है। ये कोर्स दो साल का होगा। 11वीं कक्षा से स्टूडेंट ये सब्जेक्ट ले सकेंगे।
पढ़ाई जो स्कूल के बाहर काम आए
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि स्टूडेंट हायर सेकेंडरी की शिक्षा के दौरान प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी हासिल करें, ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो। अब पाटन में इसकी शुरुआत हो चुकी है। कार्यक्रम में मौजूद दुर्ग जिले के कलेक्टर ने बताया कि अब पाटन के स्कूल में रेगुलर कोर्स के साथ ITI की पढ़ाई होगी।
12वीं के विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में प्रवेश ले सकेंगे। चूंकि उन्हें ITI का प्रमाणपत्र भी मिलेगा, जिससे वे रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे। दोनों कोर्स एक साथ चलेंगे। अब पाटन में गर्ल्स के लिए स्टेनोग्राफी और लड़कों के लिए वेल्डिंग का कोर्स शुरू हो चुका है।