रायपुर। राजधानी में 19 जुलाई से 19 सितंबर के बीच स्वाइन फ्लू के 5 मामले छिपाने पर निजी अस्पताल और लैब को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। महामारी नियंत्रण विभाग की ओर से लिखे गए पत्र में स्वाइन फ्लू के बैक डेट मामले देरी से संज्ञान में लाने पर कारण पूछा गया है।
दरअसल, पूरे प्रदेश में सरकारी और निजी सेटअप में केवल 6 ही आधिकारिक लैबों में ही स्वाइन फ्लू के टेस्ट हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने पूछा है कि मंजूरी नहीं होने पर भी स्वाइन फ्लू के टेस्ट आखिर किस तरह और क्यों किए गए। राजधानी में सरकारी सेटअप में केवल नेहरु मेडिकल कॉलेज की लैब और एम्स रायपुर में ही टेस्ट होते हैं। जबकि शहर के बाहर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज की लैब में सरकारी स्तर पर स्वाइन फ्लू के टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा रायपुर में तीन निजी लैब ने भी पहले स्वाइन फ्लू टेस्ट करने की मंजूरी ले रखी है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के मुताबिक हालांकि टेस्ट अनधिकृत रूप से निजी लैब द्वारा किए गए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस रिपोर्ट के आधार पर स्वाइन फ्लू पॉजिटिव माना है। रायपुर में जुलाई से सिंतबर के बीच पांच लोगों को स्वाइन फ्लू मिला है। जिसमें केवल एक ही मरीज फिलहाल भर्ती है। जबकि एक की पहले ही डेथ हो चुकी है। बाकी तीन स्वस्थ हो चुके हैं। एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर के डॉ. सुभाष मिश्रा के मुताबिक स्वाइन फ्लू की जानकारी छिपाने पर निजी अस्पताल और लैब को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। जवाब के आधार पर आगे सख्त एक्शन लिया जाएगा।